कंपनियां तय करेंगी, कितना चुकाना है CGST और SGST

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नई दिल्ली। ऐसी कंपनियां जिनके खातों में इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) क्रेडिट जमा है, वे इसका इस्तेमाल सेंट्रल जीएसटी (CGST) और स्टेट जीएसटी (SGST) चुकाने में कर सकती हैं। सीजीएसटी और एसजीएसटी चुकाने का कोई अनुपात तय नहीं है। एजेंसी की खबर के मुताबिक कंपनियां अपने हिसाब से इसे तय कर सकती हैं। राजस्व विभाग ने शुक्रवार को यह स्पष्टीकरण जारी किया।

क्या होता है IGST
इम्पोर्टर देश में लाए जाने वाले सामान पर आईजीएसटी अदा करते हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान भेजने पर भी आईजीएसटी अदा करना पड़ता है। इस टैक्स को वास्तविक जीएसटी के भुगतान के साथ एडजस्ट किया जाता है। कुछ मामलों में आईजीएसटी का रिफंड भी क्लेम किया जा सकता है।

ऐसे बंटता है GST
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के तहत वसूला जाने वाला टैक्स 50:50 के अनुपात में केंद्र (सीजीएसटी) और राज्य (एसजीएसटी) के बीच बंटता है। आईजीएसटी की राशि केंद्र सरकार को मिलती है। आदर्श स्थिति में वित्त वर्ष के अंत में आईजीएसटी पूल का बैलेंस शून्य हो जाना चाहिए क्योंकि इसकी राशि सीजीएसटी और एसजीएसटी के भुगतान में इस्तेमाल होनी चाहिए।

लेकिन कुछ कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट का रिफंड क्लेम नहीं कर सकती हैं, इसलिए उनके आईजीएसटी पूल में इसकी राशि जमा होती जाती है। लॉ फर्एम एमआरजी एंड एसोसिएट्स के पार्टनर रजत मोहन ने कहा, इस स्पष्टीकरण से कंपनियों को मदद मिलेगी। वे कानूनी दांवपेंच में फंसने की चिंता किए बगैर काम कर सकती हैं।

मार्च में दी थी अनुमति
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC) ने इस साल मार्च में आईजीएसटी के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) और स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) के भुगतान में इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। लेकिन करदाताओं के बीच इस बात को लेकर भ्रम था कि इस क्रेडिट का कितना इस्तेमाल सीजीएसटी और कितना एसजीएसटी में किया जा सकता है। इसी वजह से CBIC की ओर से यह स्पष्टीकरण आया है।