ई-वे बिल की वैधता 30 अप्रैल तक बढ़ी, GST क्रेडिट एवं GSTR-3B में लेट फ़ीस माफ़

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के चलते ई-वे बिल की वैधता को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है, जिसकी वैधता 20 मार्च से 15 अप्रैल के बीच खत्म होनी थी। मतलब 20 मार्च से 14 अप्रैल के बीच वैधता खत्म होने वाले ई-वे बिल को दोबारा बनवाए बगैर 16 से 30 अप्रैल तक माल का परिवहन कर सकेंगे। सरकार के इस फैसले से ट्रांसपोर्टरों और कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। उन्हें अब वाहनों में माल के परिवहन के लिए दोबारा ई-वे बिल नहीं बनवाना पड़ेगा।

जीएसटी क्रेडिट का दिया लाभ
बता दें कि इस समय देश के अलग-अलग राज्यों में बड़ी तादाद में ट्रक फंसे हैं। इनमें से हजारों ट्रकों में लदे माल के ई-वे बिल की वैधता खत्म हो गई है। वहीं कुछ ट्रक की वैधता आने वाले दिनों में खत्म होने वाली है। इस मामले में शुक्रवार को वित्त मंत्रालय की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने अस्थायी तौर फरवरी से अगस्त के लिए जीएसटी क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए व्यवसायों पर लगाए गए प्रतिबंधों को अस्थायी रूप से हटा दिया है, एक ऐसा कदम कोरोनवायरस की वजह से कारोबारियों को हो रहे आर्थिक नुकसान से निपटने में मदद करेगा। इससे देश के करीब 1.2 करोड़ टैक्स पेयर को फायदा मिलेगा।

सरकार ने जीएसटीआर-3बी की लेट फीस में दी छूट
सरकार ने फरवरी-अप्रैल के लिए जीएसटीआर-3बी रिटर्न में देरी पर लेट फीस में छूट देने का ऐलान किया है। आइए जानते हैं किसको कितनी कमाई पर मिलेगी छूट-

  • अगर 5 करोड़ से ज्यादा की कमाई पर फरवरी-अप्रैल के जीएसटीआर-3बी रिटर्न फॉर्म को 24 जून तक भरा जाता है, तो उन्हें लेट फीस में छूट दी जाएगी।
  • अगर 1.5 करोड़ से 5 करोड़ की कमाई पर फरवरी मार्च के जीएसटीआर-3बी को 29 जून और अप्रैल जीएसटीआर-3बी को 30 जून तक भरा जाता है, तो लेट फीस में छूट मिलेगी।
  • अगर 1.5 करोड़ से ज्यादा की कमाई पर फरवरी के जीएसटीआर-3बी को 30 जून तक भरने और मार्च के फॉर्म को 3 जुलाई को भरना होगा। इसी तरह अप्रैल के फॉर्म को 6 जुलाई तक भरने पर लेट फीस में छूट मिलेगी।