इस बार औसत से 8 फीसदी कम बारिश, आगे झमाझम

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नई दिल्ली। मध्य भारत में पिछले कुछ दिनों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान कम बारिश हुई है जबकि इस इलाके को तिलहन और दलहन फसलों का गढ़ माना जाता है। हालांकि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना है जिससे कम बारिश की भरपाई हो सकती है। लेकिन दक्षिण भारत में भारी बारिश के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक मध्य भारत में मॉनसून के पहले 40 दिनों के दौरान सामान्य से करीब 8 फीसदी कम बारिश हुई है, जिससे दलहन, तिलहन और कपास की खड़ी फसल पर प्रतिकूल असर पडऩे की आशंका है। दक्षिणी प्रायद्वीप में भी 1 जून से 11 जुलाई के बीच औसत से 9 फीसदी कम बारिश हुई है।

पूरे देश की बात करें तो अब तक सामान्य से 1 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विज्ञानी का कहना है कि कम से कम मध्य भारत में अगले कुछ दिनों में स्थिति बदल सकती है क्योंकि उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में कम दबाव का प्रभाव बन रहा है जिससे भारी बारिश होने का अनुमान है।

मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने कहा, ‘इससे बारिश की शुरुआती कमी की भरपाई हो सकती है और खड़ी फसलों को कुछ राहत मिलेगी।’ मौसम विभाग ने भी कहा है कि अगले 2 से 3 दिनों में मध्य और पूर्वी भारत के साथ पश्चिमी तटीय इलाकों में अच्छी बारिश होने का अनुमान है।