आय से अधिक संपत्ति के 18 साल पुराने मामले में रिटायर्ड एसई को 4 साल कैद

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आय से 111 गुना अधिक संपत्ति मिली, 11.96 लाख रुपए की रिकवरी करने का आदेश 

कोटा। आयसे अधिक संपत्ति के 18 साल पुराने मामले में कोर्ट ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता आनंदीलाल माथुर को दोषी मानते हुए 4 साल के कारावास 15 लाख के जुर्माने से दंडित किया है।

न्यायालय ने कलेक्टर को आदेश दिया है कि आरोपी की संपत्ति कुर्क करके 11 लाख 96 हजार 459 रुपए की रिकवरी की जाए। सेशन न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के विशिष्ट न्यायाधीश अश्वनी विज ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया। गौरतलब है कि कोटा में ऐसा पहला मामला है जिसमें किसी अधिकारी को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में सजा हुई है।

न्यायाधीश विज ने 37 पेज के आदेश में लिखा कि भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है जो धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था देश को खोखला करने का कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाए जाने के लिए कठोर दंड का प्रावधान होना चाहिए।आदेश में कहा गया कि आरोपी के विरुद्ध 11 लाख 96 हजार 459 रुपए की आय भ्रष्ट एवं अवैध साधनों से अर्जित करना प्रमाणित पाया गया है।

सहायक निदेशक अभियोजन एहसान अहमद ने सजा के बिंदु पर बहस में कहा कि आरोपी ने विद्युत मंडल में अधीक्षण अभियंता के पद पर रहते हुए अवैध साधनों से आय से अधिक परिसम्पत्तियां अर्जित कर दुराचरण का अपराध किया है। हालांकि उसके विरुद्ध ट्रैप कार्रवाई के दर्ज प्रकरण में उसे कोर्ट द्वारा संदेह के लाभ में बरी कर दिया गया है। ऐसे मामलों में यदि नरमी का रुख अपनाया गया तो अपराध करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा।

ये है मामला
प्रकरण के अनुसार 9 अप्रैल 1999 को आरोपी आनंदीलाल माथुर को सुनेल, झालावाड़ निवासी इंद्रसिंह मांडलोई की शिकायत पर ठेके के कमीशन के तौर पर 3 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आनंदीलाल के घर सी-9 आरपीएस कॉलोनी कोटा की तलाशी में आरोपी द्वारा 24 लाख 31 हजार 573 रुपए की परिसम्पत्तियां अर्जित करना पाया।

माथुर ने वर्ष 1967 से राज्य सेवा ज्वॉइन की थी। नियुक्ति से लेकर अब तक की आय 1/3 भाग रसोई खर्च करने के बाद 10 लाख तथा मकान किराए से आय 1.5 लाख रुपए मानते हुए इनके संपूर्ण सेवाकाल में वैध साधनों से प्राप्त आय 11.5 लाख रुपए मानी जा सकती है। इसकी तुलना में माथुर के पास 24 लाख 31 हजार 573 रुपए की परिसम्पत्तियां पाई गई। यानी आय के ज्ञात स्रोतों से 12 लाख 81 हजार 573 रुपए यानि 111.44 प्रतिशत अधिक की परिसम्पत्तियां पाई गई।