आयातित खाद्य तेलों की पाइप लाइन खाली होने से घरेलू तेलों की कीमतें बढ़ने के आसार

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मुम्बई। आयातित खाद्य तेलों की पाइप लाइन खाली होने से घरेलू तेलों की कीमतें बढ़ने के आसार हैं। अगर हालत यही रहे तो सोयाबीन की कीमतें भी बढ़ने का अनुमान है।
विदेशों से खाद्य तेलों के आयात की गति सामान्य हो जाने से बंदरगाहों पर तथा पाइप लाइन में इसका स्टॉक घटने लगा है।

सरकार ने बंदरगाह अधिकारियों के आयातित खाद्य तेलों की खेपों को जल्दी से जल्दी क्लीयरेंस देने के लिए कहा है ताकि घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति का नियमित प्रवाह जारी रह सके।

खाद्य तेलों का घरेलू बाजार भाव पिछले कुछ महीनों से एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1 फरवरी 2024 को भारतीय बंदरगाहों पर 17.95 लाख टन एवं पाइप लाइन में 8.54 लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक मौजूद था जबकि 1 जनवरी 2024 को इसकी मात्रा क्रमश: 19.48 लाख टन एवं 9.49 लाख टन रही थी।

इससे पूर्व 1 दिसम्बर 2023 को बंदरगाहों पर 19.75 लाख टन तथा पाइप लाइन में 9.85 लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक उपलब्ध था। नवम्बर के आरंभ में बंदरगाहों पर 20.64 लाख टन एवं पाइप लाइन में 10.75 लाख टन खाद्य तेल उपलब्ध था।

इसी तरह 1 अक्टूबर 2023 को 21.59 लाख टन खाद्य तेल देश के विभिन्न बंदरगाहों पर तथा 14.67 लाख टन खाद्य तेल पाइप लाइन में मौजूद था। खाद्य तेलों का सर्वाधिक स्टॉक 1 सितम्बर 2023 को दर्ज किया गया जब विभिन्न बंदरगाहों पर यह 22.71 लाख टन तथा पाइप लाइन में 14.64 लाख टन पर पहुंचा।

हालांकि इससे पूर्व अगस्त 2023 की शुरुआत में बंदरगाहों पर खाद्य तेलों का स्टॉक 23.36 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचा था मगर पाइप लाइन में 9.49 लाख टन ही मौजूद था।

भारत में इंडोनेशिया, मलेशिया एवं थाईलैंड से क्रूड पाम तेल, आरबीडी पामोलीन तथा क्रूड पाम कर्नेल तेल, अर्जेन्टीना एवं ब्राजील से क्रूड सोयाबीन तेल तथा रूस, यूक्रेन एवं अर्जेन्टीना से क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता है।