अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व का गेट अनिश्चितकाल के लिए बंद

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15 सूत्रीय मांगों को लेकर वन कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना जारी

कोटा। संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में वन विभाग के कार्मिकों का अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत गुरुवार से कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व समेत सभी पर्यटन स्थल अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए। वनकर्मियों ने अभेड़ा के गेट पर ताला लगाकर वहीं धरने पर बैठ गए।

वनकर्मी रामराज मीना ने सिर मुंडवाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। इस दौरान कार्मिकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वन्यजीवों और वनसंपदा की देखभाल भी गत 4 दिनों से भगवान भरोसे है। कोटा संभाग के टाइगर रिजर्व और अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से लेकर सभी वन क्षेत्रों में वन्यजीवों की और संपदा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सकते में हैं।

उल्लेखनीय है कि अपनी मांगों को लेकर संभाग के वन क्षेत्र में लगे 500 से अधिक कार्मिक हड़ताल पर हैं। कर्मचारी अलग-अलग रेंज और डिवीजन ऑफिस पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन वन कार्मिकों में वनरक्षक, सहायक वनपाल, वनपाल क्षेत्रीय वन अधिकारी, वर्ग 4 के कर्मचारी और वाहन चालक शामिल हैं। जिससे संभाग में आने वाले कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, शेरगढ़ अभयारण्य, चंबल घड़ियाल सेंचुरी, सोसरन वन क्षेत्र, अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क समेत वन संपदा की सुरक्षा करने वाला कोई नहीं है।

धरने को बुधराम जाट वन मंडल अध्यक्ष वन्यजीव कोटा, जुबेर खान संभागीय अध्यक्ष, मुनेश चौधरी मंडल अध्यक्ष, सुनीता वर्मा, संदीप मीना जिला अध्यक्ष झालावाड़, चेतन शर्मा जिला अध्यक्ष वाहन चालक संघ कोटा, रामनारायण गोचर श्रमिक संघ ने संबोधित किया।

ये हैं मांगें
वन कर्मियों को पुलिस व पटवारियों के समकक्ष वेतन दिलाने, कार्यभारित कर्मचारियों को वनरक्षक के पद पर समायोजित करने, मैस भत्ता राशि 2200 रुपए, वर्दी भत्ता 7000 हजार वार्षिक, वाहन चालकों को पदोन्नति, साइकिल भत्ते के स्थान पर पेट्रोल भत्ता 2000 रुपए प्रतिमाह, अपराधों की रोकथाम के लिए हथियार व अन्य सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करवाने, हार्ड ड्यूटी अलाउंस सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है।