अप्रैल के बाद धनिया 80 से 85 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना

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कोटा। राजस्थान के धनिया दलाल मुकेश भाटिया ने कहा है कि “धनिया की कीमतों में 15 से 20 मार्च तक के पीरियड में मंदी रहेगी। यह कीमत पूरे सीजन के दौरान दोबारा नहीं देखी जाएगी। लेकिन, अप्रैल के बाद धनिया 80 से 85 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी उत्पादन त्रुटि गुजरात में दिखाई देती है। प्रत्येक वर्ष की तुलना में, जल्दी गर्मी की शुरुआत हो गई है, जो फ़सल में महत्वपूर्ण कमी लाएगी । गुजरात में ज्यादातर व्यापारी 40 से 45 लाख बोरी उत्पादन की धारणा करते हैं, लेकिन गर्मी को देखते हुए गुजरात 35 लाख से अधिक बोरी उत्पादन नहीं करेगा। राजस्थान में 15 से 17 लाख बोरी और मध्य प्रदेश में 25 से 27 लाख बार उत्पादन होने की उम्मीद है।

इन तीन राज्यों के अलावा, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा आदि में छह लाख बोरी उत्पादन का अनुमान है। इस प्रकार, चालू वर्ष में धनिया का उत्पादन 80 से 85 लाख बोरी होगा। पिछले साल का पुराना कैरीफ़ारवर्ड स्टॉक 25 लाख बोरी अनुमानित है। इस साल Carry forward स्टॉक 2014 के बाद सबसे कम है। देश में धनिया की वार्षिक आवश्यकता 1.10/1.20 करोड़ बोरी है। इस प्रकार, इस साल धनिया की मांग व आपूर्ति नेक टू नेक होगी।

भाटिया ने धनिया की कीमत की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि दीपावली 2019 के बाद सभी कृषि-जिंस के बाजार दृश्य में बदलाव हुआ है लेकीन स्टॉकिस्ट और हेजर्स की अभी भी धनिया में रुचि नहीं हैं। बाजार में भारी वित्तीय संकट के साथ, नए सीजन की शुरुआत में धनिया की आवक बढ़ेगी । मध्य प्रदेश के व्यापारी और किसान हमेशा माल फेंकते रहे हैं लेकिन पुराना स्टॉक मध्य प्रदेश में भी अधिक है, इसलिए नए धनिया की आवक और बिक्री मध्य प्रदेश में सीजन की शुरुआत से होगी।

गुजरात में बड़ी फसल के साथ, मंदी के साथ आवक का दबाव बढ़ेगा, लेकिन राजस्थान में लगभग हर बड़ा व्यापारी पहले ही नुकसान कर चुका है अतः हो सकता कम कीमतों पर नहीं बेचा जाए। तीनों राज्यों में, इस वर्ष स्टॉकिस्ट की सक्रियता बहुत कम दिख रही है। इन सभी वजह से 15 मार्च से 20 मार्च तक धनिया का मूल्य नीचे दिख सकता है। अभी से सभी स्थिति को देखते हुए, इस परीस्थिती में इस अवधि में कीमत को घटाकर रु 45 प्रति किग्रा किया हो सकता है।

धनिया की कीमतों में धीरे-धीरे अप्रैल से सुधार होगा क्योंकि दुनिया में धनिया का कोई बड़ा स्टॉक नहीं है, इसलिए भारतीय धनिया निर्यात की मांग अप्रैल से अच्छी रहने की उम्मीद है। 1 मार्च से 31 मार्च तक धनिया की कीमतों में बाटम रहेगा। फ़िर सीजन में वो भाव नहीं दिखेगा। अप्रैल के बाद कीमतों में धीरे-धीरे सुधार के साथ, यह चालू वर्ष में लगभग 80 से 85 रुपये प्रति किलोग्राम होने की संभावना है।

धनिया बाजार का सेन्टीमेन्ट इस साल उत्साहजनक नहीं है, लेकिन 2021 में धनिया में एक बड़ा उछाल है क्योंकि इस साल की बैलेंस शीट के बाद किसानों में आगामी वर्ष धनिया की खेती में रूझान घटने की संभावना है। इसके अलावा, धनिया, जो इस साल एक बड़ी फसल है, इस साल मनी क्राइसिस का शिकार हो सकता है, लेकिन रूस, बुल्गारिया, रोमानिया और यूक्रेन की कोई भी फ़सल अगस्त के पहले नहीं आयेगी।

इसलिए कम भाव निर्यात के लिए कम्फ़र्टेबल होगा। हर साल धनिया का स्टॉक 25 लाख बोरी स्टॉक डेड होता है। इस प्रकार, आगे जाकर धनिया मे कुछ तंगी की स्थिति हो सकती है, हेज़र की सोच क्या है लेकिन हर स्तर पर बाजार का अध्ययन करके चलना चाहिए।