सेबी से कमोडिटी एक्सचेंजों को मिली ऑप्शंस ट्रेडिंग की इजाजत

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नई दिल्ली। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कमोडिटीज मार्केट का दायरा बढ़ाने के लिए कमोडिटीज में ऑप्शन ट्रेडिंग की इजाजत दे दी है। हालांकि हर कमोडिटी एक्सचेंज शुरुआत में सिर्फ एक प्रॉडक्ट के लिए ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स ला पाएगा। सेबी ने ऑप्शन ट्रेडिंग की इजाजत देने के साथ ही रिस्क मैनेजमेंट के ठोस उपाय करने के लिए कहा है।

सेबी ने ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स जारी करने के लिए बड़ी सख्त अर्हताएं रखी हैं। उसने कहा है कि ऑप्शंस सिर्फ उन्हीं कमोडिटीज के फ्यूचर्स पर जारी की जा सकेंगी जो पिछले 12 महीने के टोटल ट्रेडिंग टर्नओवर के लिहाज से टॉप 5 में होंगी। इसके अलावा ऐसी कमोडिटीज का फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स का एवरेज डेली टर्नओवर पिछले एक साल में कम से कम 200 करोड़ रुपये (एग्री और एग्री प्रोसेस्ड कमोडिटीज) होना जरूरी होगा।

दूसरी कमोडिटीज के लिए इसकी मिनिमम लिमिट 1000 करोड़ रुपये लगाई गई है। मार्केट रेगुलेटर की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक, ‘जो कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स में ट्रेडिंग करना चाहते हैं उनको ऐसे कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च करने से पहले सेबी की इजाजत लेनी होगी।’ एक्सचेंज लंबे समय से कमोडिटीज पर ऑप्शंस ट्रेडिंग की इजाजत देने की मांग करते रहे हैं।

सेबी पिछले साल ऑप्शंस ट्रेडिंग को इजाजत देने को राजी हुआ था लेकिन कुछ कानूनी जरूरतें पूरी करने में देर लगने से इसका एलान होने में देरी हुई।मार्केट रेगुलेटर सेबी ने गहन विचार विमर्श के बाद फैसला किया कि वह सीधे कमोडिटी के बजाय उसके फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट पर ऑप्शंस ट्रेडिंग की इजाजत देगा।

अब तक कमोडिटी एक्सचेंजों को सिर्फ फ्यूचर्स ट्रेडिंग की इजाजत मिली हुई थी। सेबी ने कमोडिटीज फ्यूचर्स के ऊपर जारी होने वाले ऑप्शंस में ट्रेडिंग के लिए प्रॉडक्ट डिजाइन और रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क के सिलसिले में जरूरी गाइडलाइंस भी बनाए हैं। उसने कमोडिटी फ्यूचर्स पर जारी होने वाले ऑप्शंस के सेटलमेंट मेथड, पोजिशन लिमिट और ट्रेडिंग आवर्स संबंधी गाइडलाइंस भी जारी किए हैं।