RBI ने बंद की 2000 रुपये के नोटों की छपाई?

746

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद शुरू किए गए 2,000 के नोट की अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने छपाई बंद कर दी है। राइट-टू-इन्फर्मेशन ऐक्ट के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में रिजर्व बैंक ने बताया कि इस वित्त वर्ष में 2,000 रुपये का एक भी नोट नहीं छापा गया। RBI ने इसकी कोई वजह नहीं बताई है, लेकिन जानकारों का कहना है कि इस अधिक वैल्यू वाले नोट को बंद करने के पीछे ब्लैक मनी, भ्रष्टाचार और जाली करंसी बड़े कारण

सरकार के 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों पर रोक लगाने के फैसले के बाद RBI ने पहले 2,000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम पहुंचाए थे। इसके बाद 500 रुपये के नए नोट लाए गए थे। सरकार की ओर से 2,000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला करने की रिपोर्ट पहले भी आई थी, लेकिन केंद्र और RBI ने तब इससे इनकार किया था।

फाइनैंस मिनिस्ट्री में डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स के तत्कालीन सेक्रटरी सुभाष चंद्र गर्ग ने इस वर्ष की शुरुआत में ट्वीट किया था, ‘नोटों की छपाई की योजना अनुमानित जरूरत के अनुसार बनाई गई है। हमारे पास सिस्टम में 2,000 रुपये के पर्याप्त नोट हैं। सर्कुलेशन में वैल्यू के लिहाज से 35 पर्सेंट से अधिक नोट 2,000 रुपये के हैं। 2,000 रुपये के नोट की छपाई को लेकर हाल ही में कोई फैसला नहीं हुआ है।’

क्या है परेशानी?
अधिक वैल्यू वाले नोटों से ब्लैक मनी बढ़ जाती है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। ब्लैक मनी रखने वाले अधिक वैल्यू के नोटों को अपने पास जमा कर लेते हैं। इसके साथ ही जाली करंसी की समस्या से निपटने के लिए भी यह कदम उठाया गया है। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने हाल ही में बताया था कि पाकिस्तान से 2,000 रुपये के जाली नोट बड़ी संख्या में भारतीय मार्केट में पहुंचाए जा रहे हैं। इन नोटों की पहचान करना भी आसान नहीं है। इंटेलिजेंस ब्यूरो और फाइनैंशल इंटेलिजेंस यूनिट ने भी सरकार को गैर कानूनी गतिविधियों के लिए 2,000 रुपये के नोटों को जमा किए जाने का चलन बढ़ने की रिपोर्ट दी थी।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के बहुत से छापों में जब्त किए गए नोटों में से अधिकतर 2,000 रुपये के हैं। इससे संकेत मिलता है कि टैक्स की चोरी और वित्तीय अपराधों में शामिल लोग इन नोटों को अधिक पसंद करते हैं। नोटबंदी के बाद 2,000 के नोट को शुरू करने की विपक्षी दलों ने निंदा की थी। उनका कहना था कि इससे लोगों के लिए ब्लैक मनी रखना आसान हो जाएगा। उस समय कोटक महिंद्रा बैंक के प्रमोटर उदय कोटक ने भी 1,000 रुपये के नोट की जगह 2,000 रुपये का नोट लाने के सरकार के कदम पर सवाल उठाया था।

क्या होगा असर?
2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद करने से कुछ हद तक ब्लैक मनी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। इससे ब्लैक मनी रखने वालों के लिए करंसी जमा करना मुश्किल हो जाएगा। सरकार के लिए एक बड़ी समस्या जाली करंसी की है और 2,000 का नोट बंद होने से जाली करंसी का व्यापार करने वालों के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी क्योंकि कम वैल्यू के जाली नोट बनाना और उन्हें चलाने में फायदा कम और पकड़े जाने का खतरा अधिक होता है। सरकार का जोर देश में डिजिटल ट्रांजैक्शंस बढ़ाने पर है। हालांकि, इसमें अभी तक बहुत अधिक सफलता नहीं मिली है। बड़ी वैल्यू के नोट उपलब्ध नहीं होने से लोग भुगतान के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग बढ़ा सकते हैं।