Lok Sabha Election: लोकसभा अध्यक्ष का कैम्प कार्यालय बना भाजपा का चुनावी कार्यालय

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गुंजल ने आचार संहिता के उल्लंघन और सरकारी अधिकारियों के जरिए उनके समर्थक कार्यकर्ताओं और परिजनों तक को धमकाने का लगाया आरोप

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा
। Lok Sabha Election 2024: कोटा-बूंदी संसदीय सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक समेत कई सरकारी अधिकारियों के भारतीय जनता पार्टी और उसके प्रत्याशी के चुनाव एजेंट के रूप में काम करते हुए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की लिखित में शिकायतें दर्ज करवाई है।

गुंजल ने यहां तक आरोप लगाया कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन करने के सबसे बड़े दोषी तो खुद लोकसभा अध्यक्ष है जिन्होंने बिना अधिसूचित किए अपने कोटा कार्यालय को लोकसभा अध्यक्ष का कैम्प कार्यालय घोषित कर रखा है और इस कैम्प कार्यालय को भी इन दिनों अपने चुनाव कार्यालय और भाजपा के दफ्तर के रूप में इस्तेमाल कर चुनाव संहिता का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।

गुंजल ने उदाहरण दिया कि राजस्थान के राज्यपाल भी जब ग्रीष्मकालीन प्रवास पर पर्वतीय पर्यटन क्षेत्र माउंट आबू जाते हैं तो राज्य सरकार बकायदा उस की अधिसूचना जारी करती है जिसके बाद राज्यपाल के साथ उनका स्टाफ़ भी माउंट आबू में मौजूद होता है और वह उसी हैसियत के साथ के साथ काम करते हैं।

कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ने बिना ऐसी किसी अधिसूचना के अपने निजी कार्यालय को कैम्प कार्यालय घोषित कर रखा है और वहां लोकसभा सचिवालय से लोक सेवक की तरह वेतन पा रहे कर्मचारी भी हैं। लेकिन वह काम भाजपा के प्रचारक की तरह कर रहे हैं। चुनाव आयोग को इस मामले में प्रसंज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।

गुंजल ने आरोप लगाया कि उच्च पदों पर आसीन अधिकारी ही नहीं बल्कि लोकसभा अध्यक्ष समर्थक न केवल उनके समर्थक कार्यकर्ताओं को डरा-धमका रहे हैं बल्कि सरकारी पदों पर तैनात उनके समर्थकों के परिवारजनों तक के खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्यवाही की जा रही है। उनके अपने घर की ड्रोन कैमरे के जरिए निगरानी रखी जा रही है।

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों रात करीब 1:30 बजे उनके आवास पर ड्रोन कैमरा मंडराते देखा जाने के बाद उनका सुरक्षा कर्मचारी बाहर आया तो ड्रोन ऑपरेटर ने कैमरा नीचे उतार लिया और उसकी चिप निकाल कर भाग गया, लेकिन ड्रोन आज भी उनके पास पड़ा हुआ है।

गुंजल ने यह भी बताया कि उनकी सभाओं और रैलियों का 8-8 कैमरों से निगरानी की जा रही है लेकिन यह काम चुनाव आयोग की ओर से नहीं बल्कि लोकसभा अध्यक्ष के कहने पर पुलिस अपने स्तर पर कर रही है जिसका विश्लेषण खुद कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कर उन सभी कार्यकर्ताओं को पुलिस के जरिए धमकानें की कोशिश की जा रही है जो उनकी रैली-सभाओं में प्रमुख रूप से मौजूद थे।

प्रहलाद गुंजल ने कहा कि इस चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के मतदाता लोकसभा अध्यक्ष से सांसद के रूप में दो कार्यकाल के दशक का हिसाब मांग रहे हैं, लेकिन बिरला जी उपलब्धियों की कोरी किताब लिए मतदाताओं के बीच घूम रहे हैं। उनके पास गिनाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। ओम बिरला का इस दशक में सबसे बड़ा झासा कोटा को विमान सेवा से जोड़ने का रहा। इसको लेकर बढ़-चढ़कर दावे भी किए लेकिन नतीजा सिफर रहा।

गुंजल ने कहा कि वर्ष 2018 में कोटा से सांसद चुने जाकर लोकसभा अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के बाद क्षेत्र के मतदाताओं के मन में चंबल की क्षतिग्रस्त नहरों का जीर्णोद्धार करवा कर नहरी तंत्र के अंतिम छोर तक के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करने, जोधपुर के अलावा कोटा में भी आईआई टी एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने, राजस्थान हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना की पुरानी लंबित मांग के पूरी होने सहित उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कोटा में नए एम्स की स्थापना की उम्मीद जागी थी, लेकिन इनमें से एक भी काम नहीं हुआ। ओम बिरला की उपलब्धियों का पिटारा रीता ही पड़ा है और वे हिसाब नहीं दे पा रहे हैं जिसका जवाब अब उन्हें मतदान के जरिए मतदाता देंगे।