Festive Season: कोटा में शीतकाल के त्योहारी सत्र की शुरुआत आज से

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कोटा संभाग में त्योहार सत्र की शुरुआत रविवार को नवरात्रि पर घट स्थापना के साथ होने वाली है और यह शीतकालीन त्योहारी सत्र हिन्दुओं के सबसे बड़े त्योहार माने जाने वाले दीपावली महोत्सव तक जारी रहेगा। इसी दौरान अगले महीने राजस्थान की विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और आम मतदाताओं के लिए यह भी अवसर किसी बड़े महोत्सव से कम नहीं है जो आमतौर पर पांच साल में एक ही बार आता है।

-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। festive season Start at Kota: श्राद्ध पक्ष शनिवार को समाप्त हो गया है। इसी के साथ ही रविवार से शीतकाल के त्योहारी सत्र की शुरुआत हो गई। यह त्योहारी सत्र मुख्य रूप से हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार माने जाने वाले दीपावली महोत्सव तक जारी रहेगा। इस दौरान दशहरा सहित कई त्योहार मनाए जाएंगे।

कोटा शहर में दशहरा मेला का आयोजन होगा तो संभाग में कई स्थानों पर भी विभिन्न मेले आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान नवम्बर महीने में देवउठनी एकादशी का पर्व भी आएगा। इसी दिन से हिंदू समुदाय के लोगों में शादियों जैसे मांगलिक पर्व के आयोजन की पुरानी परंपरा रही है।

धार्मिक परम्परा के अनुसार शनिवार को एक पखवाड़े तक चला श्राद्ध पक्ष समाप्त हो गया। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध पक्ष में मांगलिक धार्मिक और शुभ समारोह के आयोजन पर रोक नहीं रह गई है। इसी के साथ पूरे कोटा संभाग में रविवार से त्योहारी सत्र की शुरुआत हो गई है।

इस त्योहारी सत्र का आगाज रविवार को नवरात्र महोत्सव के साथ होगा। इस दिन लोग नवरात्रि की पूजन के लिए अपने घरों में घट स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही कोटा संभाग के सभी मंदिरों में भी नवरात्र महोत्सव के मौके पर विशेष धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन का सिलसिला शुरू हो गया। नवरात्र महोत्सव अब अगले नौ दिन तक मनाया जाएगा।

इस नवरात्रि महोत्सव के दौरान हिंदू धार्मिक मान्यताओं में विश्वास रखने वाले लोग अपने घरों में विशेष पूजा, धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। प्राचीन परंपरा के अनुसार इन नौ दिनों में माता दुर्गा के नौ अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के इन नौ दिनों को लोग नव आयोजनों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानते हैं इसीलिए इन दिनों में कई नए कार्यो की शुरुआत की जाती है।

नई सम्पदा या जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी के लिए भी नवरात्र के नौ दिनों को काफी शुभ माना जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए लोग अपनी जरुरत के लिए नए वाहन, प्रॉपर्टी, घरेलु उपयोग के सामान जैसे टेलीविजन, फ्रिज, एयर कंडीशन आदि की जमकर खरीदारी करते हैं। इसकी वजह से कोटा के बाजारों में भी इन दिनों खूब गहमागहमी है। साथ ही आने वाले दिनों में बाजारों में खूब रौनक रहने वाली है।

इन दिनों में बड़े पैमाने पर खरीदारी होने के कारण व्यापारियों में भी जमकर उत्साह रहता है। छोटी से लेकर बड़ी कंपनियां भी अपने उत्पादों का अधिकतम कारोबार करने के लिए छूट के आकर्षक प्रस्तावों के साथ उपभोक्ताओं के बीच पहुंचती है। इसका न केवल कारोबारियों को बल्कि एक आम उपभोक्ता को भी अच्छा लाभ मिलता हैं। व्यापारी इन नौ दिनों में अपने अधिकतम उत्पाद बेचकर तगड़ा मुनाफा कमाते हैं।

कंपनियों के कम कीमत पर अपने उत्पाद बेचने के अच्छे अवसर दिए जाने के कारण उपभोक्ता भी खुश रहता है क्योंकि उसे अपेक्षाकृत सस्ते में अपनी जरुरत की उपभोक्ता वस्तुएं मिल जाती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह त्योहारी सत्र उपभोक्ता से लेकर विक्रेता तक के लिए काफी उत्साहजनक रहने वाला है। कोटा में नवरात्रि स्थापना के साथ ही बाजार सजने लगे हैं। बाजारों में उपभोक्ताओं के बड़ी संख्या में आने से रौनक बढ़ने लगी है।

आने वाले दिनों में कोटा के बाजारों में रौनक दीपावली महोत्सव तक अपने चरम पर रहने वाली है। इस अवधि में कोटा के बाजारों में कई करोड रुपए का कारोबार होना तय है। आमतौर पर मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही बाजार में मंदी आ जाती है लेकिन अब यह दौर समाप्त होने जा रहे हैं। अगले दो महीनों में बाजारों में खूब धन बरसने वाला है।

इस साल भी हर साल की तरह नवरात्र महोत्सव के दौरान कोटा में गरबा महोत्सव की भी जमकर धूम रहने वाली है। हालांकि गरबा नृत्य न केवल हाडोती की बल्कि समूचे राजस्थान की सांस्कृतिक परंपरा नहीं रही है। यह मूल रूप से गुजरात राज्य की पुरानी परंपरा है लेकिन बीते दो दशकों से भी अधिक समय से कोटा ने भी इस परंपरा को आत्मसात कर लिया है। अब नवरात्र महोत्सव के नौ दिनों में कोटा शहर में गरबा महोत्सव की जमकर धूम रहेगी। इन नौ दिनों में कोटा में गुजरात की तर्ज पर पूरे उत्साह के साथ गरबा, डांडिया डांस का आयोजन किया जाता है।

व्यवसायिक या अन्य कारणों से कोटा में रह रहे गुजराती परिवारों का तो गरबा महोत्सव के दौरान उत्साह तो देखते हुए बनता है लेकिन स्थानीय लोग भी नवरात्र महोत्सव के दौरान गरबा-डांडिया डांस का जमकर मजा उठाते हैं। कोटा में इस आयोजन से हजारों लोगों की खासतौर पर युवा वर्ग की सबसे अधिक भागीदारी होती है। राजस्थान की कोचिंग सिटी होने के कारण कोटा में अन्य राज्यों के हजारों युवा छात्रों की मौजूदगी है इसलिए गरबा-डांडिया डांस में युवाओं की भागीदारी और भी कहीं अधिक बढ़ जाती है।

गरबा महोत्सव के प्रति लोगों खासतौर से युवाओं के अपार उत्साह का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि पिछले कई सालों से तो कोटा में बकायदा ‘इवेंट कंपनियां’ बाजार में आ गई है। यह ‘इवेंट कंपनियां’ होटलों,मेरिज गार्डन, मैरिज हॉल सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर गरबा-डांडिया डांस का आयोजन करती है़।

अब जब गरबा-डांडिया डांस की धूम रहती है तो इन डांसों के अवसर पर पहने जाने वाली विशेष गुजराती पोशाकों का भी जमकर कारोबार होता है। कई कंपनियां तो गरबा डांस परिधान का ही मोटा मुनाफा कमाती है।

नवरात्र के दौरान हर रोज कोटा में कई स्थानों पर गरबा-डांडिया डांस होता है जो शाम से शुरू होकर देर रात्रि तक चलता है। ऐसे में होटल, मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल, कैटरिंग व्यवसाय को भी काफी बढ़ावा मिलता है।

गरबा-डांडिया डांस स्थलों पर स्वादिष्ट भोजन के स्टॉल लगाए जाते हैं जहां लोग अपने पसंदीदा व्यंजनों का खूब लुत्फ उठाते हैं। चूंकि गरबा-डांडिया डांस मूल रूप से गुजराती पारंपरिक नृत्य शैली है तो गुजरात में इस मौके पर खास गुजराती व्यंजन बनाए जाने की पुरानी परंपरा रही है।

यह परंपरा अब कोटा में भी आ गई है जिसके कारण गरबा-डांडिया डांस महोत्सव के आयोजन स्थलों पर पारंपरिक गुजराती व्यंजन परोसे जाते हैं। स्वादिष्ट होने के कारण इन व्यंजनों का स्थानीय लोग भी अब खूब पसंद करने लगे हैं। कोटा में गरबा डांडिया महोत्सव को लेकर काफ़ी जबरदस्त उत्साह रहता है।

इसका अनुमान इससे ही लगाया जा सकता है है कि ‘इवेंट कंपनियां’ कई दिन पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू कर देती है। पहले स्थान तय करके उनकी बुकिंग की जाती है। इसके साथ ही विभिन्न लुभावने प्रस्ताव के साथ लोगों को गरबा, डांडिया कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि गरबा-डांडिया डांस गुजराती शैली की नृत्य परंपरा है इसलिए कोटा के स्थानीय नौजवान इस डांस की बारीकियों के पूरी तरह जानकार नहीं होते। इसके लिए भी भी अलग से व्यवस्था की जाती है।

कोटा में नवरात्र महोत्सव शुरू होने से पहले ही बकायदा गरबा डांस क्लासेज लगाई जाती लगाई जाती है जिसमें भाग लेने वाले लोगों को गुजराती तरीके से गरबा नृत्य सिखाया जाता हैं। गरबा-डांडिया डांस को सीखने में भी लोगों में जबरदस्त उत्साह होता है। ऐसे में गरबा महोत्सव के दौरान जब यह नृत्य करते हैं तो वे इस नृत्य शैली में पूरी तरह से डूब जाते हैं।