BPCL के बिक्री पत्र को अंतर मंत्रालयी समूह की मंजूरी

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नई दिल्ली। देश की प्रमुख तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण के लिए बिक्री पत्र को एक अंतर मंत्रालयी समूह ने मंजूरी दे दी है। अब इस बिक्री पत्र को एक छोटे से मंत्री समूह की मंजूरी मिलनी है। मंत्री समूह की मंजूरी मिलते ही बिक्री पत्र के संबंध में एक नोटिस जारी कर दिया जाएगा।

इस अंतर मंत्रालयी समूह में वित्त मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, कानून मंत्रालय, कॉरपोरेट मंत्रालय और निवेश विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस समूह ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) और प्राथमिक सूचना दस्तावेज (पीआईएम) को मंजूरी दे दी है। अब इन दस्तावेजों को वैकल्पिक तंत्र की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

यह एक आवश्यक प्रक्रिया है जिसमें कुछ प्रमुख कैबिनेट मंत्री अपनी मंजूरी देते हैं। इस मामले से वाकिफ सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मंत्री समूह की मंजूरी मिलने के बाद ईओआई को संभावित खरीदारों के समक्ष रखा जाएगा। सूत्रों ने कहा कि ईओआई और पीआईएम को इसी महीने बाजार में पेश किया जा सकता है।

बीपीसीएल में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है सरकार
केंद्र सरकार बीपीसीएल में से अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। बीपीसीएल में सरकार की 53.29 फीसदी की हिस्सेदारी है। बीपीसीएल की देश के रिफाइनिंग बाजार में 14 फीसदी हिस्सेदारी है। सूत्रों का कहना है कि बीपीसीएल की बिक्री प्रक्रिया दो भागों में होगी। पहले भाग में प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) होगा, जबकि दूसरे भाग में सफल बोलीदाताओं की निविदाएं शामिल की जाएंगी।

सरकार को 54,000 करोड़ मिलने की उम्मीद
बीपीसीएल का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस समय 1.03 लाख करोड़ रुपए के करीब है। इस प्राइस के आधार पर सरकार की हिस्सेदारी 54 हजार करोड़ रुपए के करीब है। यानी बीपीसीएल में हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 54 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में पेश किए गए बजट में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विनिवेश का लक्ष्य 2.1 लाख करोड़ रुपए का रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीपीसीएल का प्राइवेटाइजेशन बेहद जरूरी है।