नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र और राज्यों से अपील की कि वे कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए राजनीति से ऊपर उठकर एक टीम के रूप में काम करें। पीएम कोविड प्रबंधन को लेकर सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस समेत कुछ दलों ने इस बैठक से किनारा कर लिया।
मोदी ने बैठक में कहा, कोरोना संक्रमण से प्रभावित होने वाले लोगों के मामले में भारत तमाम दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है, लेकिन हम सभी को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ब्रिटेन सरीखे देशों में संक्रमण फिर से उभरने का खतरा सामने आया है। पीएम ने भरोसा दिलाया कि कुछ अन्य कंपनियों की वैक्सीन जल्द ही उपलब्ध होने वाली हैं। सरकार टीकाकरण को गति देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
तमाम दलों ने दिया सुझाव
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तीन घंटे तक चली बैठक में कोविड प्रबंधन को लेकर एक प्रस्तुतिकरण भी दिया। इसके बाद सवालों का दौर शुरू हुआ और तमाम दलों की ओर से सुझाव भी दिए गए। शिवेसना और तृणमूल कांग्रेस ने क्रमश: महाराष्ट्र और बंगाल में और अधिक टीकों की मांग की, जबकि बीजद सरीखे कुछ दलों ने कहा कि सरकार को घरेलू वैक्सीन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के लिए प्रक्रिया तेज करनी चाहिए।
तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता एन. नागेश्वर राव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने ग्रामीण आबादी को बहुत प्रभावित किया है, ऐसे में सरकार को टीकाकरण अभियान तेज करना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पीएम ने कोरोना से लड़ने के लिए अतिरिक्त सक्रियता-गंभीरता दिखाई है और इसका प्रमाण है उनके द्वारा 20 से ज्यादा बैठकों की अध्यक्षता करना।
कांग्रेस, अकाली दल और वामपंथी पार्टियों ने किया किनारा
बैठक में कई विपक्षी दलों ने भाग लिया, उनमें तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सपा शामिल रहे। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी बैठक में मौजूद रहे। अन्य केंद्रीय मंत्रियों में पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी ने भी बैठक में भाग लिया। भाजपा की पूर्व सहयोगी पार्टी अकाली दल और वाम दलों ने बैठक में भाग नहीं लिया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, उनकी पार्टी सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार नहीं कर रही है, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं होगी, क्योंकि सरकार को कोरोना को लेकर तथ्य संसद के दोनों सदनों के भीतर रखने चाहिए।