Hallmarking: ज्वैलर्स और ग्राहक के बीच विश्वास की कड़ी है हॉलमार्किंग: विचित्र

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हॉलमार्क पर ज्वैलर्स जागरूकता कार्यक्रम

कोटा। Hallmarking: सोने और चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत शासित होती है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को मिलावट और अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाना तथा कीमती धातु वस्तुओं की गुणवत्ता और शुद्धता सुनिश्चित करना है। एक तरह से हॉलमार्किंग ज्वैलर्स और ग्राहक के बीच विश्वास की कड़ी स्थापित करना है।

यह बात शनिवार को भारतीय मानक ब्यूरो एवं कोटा सर्राफा डॉट इन द्वारा आयोजित ज्वैलर्स जागरूकता कार्यक्रम में श्री सर्राफा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने कही।
विचित्र ने बताया कि स्वर्णाभूषणों में एचयूआईडी नंबर ही असली हॉलमार्किंग है। यदि कोई इसके बिना किसी भी जेवर में हॉलमार्किंग की मोहर लगाकर ग्राहकों को भ्रमित करता है तो उसकी भारतीय मानक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

विचित्र ने बताया कि स्वर्णाभूषणों पर हॉलमार्किंग करवाने में कुछ व्यवहारिक परेशानियां आ रही है जिसे बीआईएस के केंद्रीय अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। जिनका जल्द ही समाधान होगा।

कार्यक्रम में भारतीय मानक ब्यूरो के प्रदेश प्रतिनिधि अरुणेश दुबे ने बताया कि भारत सरकार ने 23 जून 2021 से देश के 256 जिलों में हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया, जहां कम से कम एक परीक्षण और हॉलमार्किंग केंद्र मौजूद है। यह जनादेश वर्तमान में 14K (585), 18K (750), 20K (833) और 22K (916) शुद्धता के आभूषणों पर लागू होता है। वर्तमान में, देश के 361 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य है।

राजस्थान में अभी दस हजार से अधिक ज्वैलर्स हॉलमार्क में रजिस्टर्ड हैं। कोटा जिले में 260 ज्वैलर्स ने हॉलमार्किंग ज्वैलरी बेचने का लाइसेंस ले रखा है और यहां पर शुद्धता की जांच के लिए चार प्रमाणित हॉलमार्किंग सेंटर कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि दो ग्राम से कम वजन वाले सोने के लेखों को हॉलमार्किंग की आवश्यकता नहीं है एवं कुंदन, पोल्की और जड़ाऊ जैसे पारंपरिक आभूषण भी हॉलमार्किंग से मुक्त है। साथ ही 40 लाख रुपये प्रति वर्ष तक के वार्षिक कारोबार वाले ज्वैलर्स के लिए भी हॉलमार्किंग ज्वैलरी बेचना अनिवार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि सभी उपभोक्ताओं को किसी भी ज्वैलर्स से केवल हॉलमार्किंग ज्वैलरी ही खरीदना चाहिए ताकि उन्हें शुद्धता की गारंटी मिले। साथ ही उपभोक्ता अपने आभूषणों की जांच किसी भी BIS मान्यता प्राप्त परीक्षण एवं हॉलमार्किंग केंद्र से करवा सकते हैं।

परीक्षण एवं हॉलमार्किंग केंद्र उपभोक्ताओं के आभूषणों की जांच प्राथमिकता के आधार पर शुल्क लेकर करते हैं। उपभोक्ता यदि चाहें तो BIS Care App के माध्यम से हॉलमार्क को सत्यापित कर सकते हैं।

यदि शुद्धता में कोई कमी पाई जाती है, तो BIS नियम, 2018 के अनुच्छेद 49 के तहत उपभोक्ताओं को दो गुना अंतर मूल्य (शुद्धता की कमी के आधार पर) और परीक्षण शुल्क के साथ मुआवजे का अधिकार है। इसके लिए कोई भी उपभोक्ता बीआईएस की साइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

कार्यक्रम में कोटा सर्राफा डॉट इन के डायरेक्टर आनंद राठी, विवेक जैन सहित ज्वैलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पंकज सोनी जौहरी, श्री सर्राफा बोर्ड, थोक सर्राफा विक्रेता व्यवसायिक संघ, चौथमाता सर्राफा स्वर्णकार व्यापारी संघ, न्यू कोटा सर्राफा एसोसिएशन, स्वर्ण रजत कला उत्थान समिति, रामपुरा सर्राफा एसोसिएशन, ज्वैलर्स एसोसिएशन आदि संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं सर्राफा व्यवसाई उपस्थित थे।