नयी दिल्ली। देश में पशु आहार, मुर्गी दाना के दाम में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुये आल इंडिया पॉल्ट्री ब्रीडर्स एसोसियेसन (एआईपीबीए) ने रविवार को सरकार से सोयाबीन खल के आयात पर शुल्क को घटाकर कम से कम पांच महीने के लिये शून्य करने का आग्रह किया है।
मुर्गी पालन, डेयरी पशुपालन और दूसरे जानवरों के पालन पोषण में दुनियाभर में सोयाबीन खल को सबसे आम प्रोटीन आहार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी और मछलीपालन मंत्री गिरिराज सिंह को भेजे एक पत्र में एआईपीबीए के चेयरमैन बहादुर अली ने कहा, ‘‘सोयाबीन की आपूर्ति श्रृंखला में काफी कमी पैदा हो गई है जिससे इसके दाम काफी बढ़ गये हैं। अब पशुपालन और मुर्गी पालक किसानों की जीविका को बचाने के लिये आयात ही एक मात्र विकल्प बचा है।’’
उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में सोयाबीन का दाम पिछले एक साल के दौरान 36,420 रुपये प्रति टन से बढ़कर 81,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गया है जब्कि वैश्विक बाजार में सोयाबीन और सोयाबीन खल का दाम भारतीय दाम के मुकाबले आधे दाम पर चल रहे हैं।
ऊंचे दाम के कारण घरेलू पशुपालक किसान चिंता में हैं क्योंकि दाम को लेकर जोखिम काफी बढ़ गया है। इसलिये सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग करते हुये एआईपीबीए ने पांच माह के लिये सोयाबीन का शुल्क मुकत आयात किये जाने की मांग की है। संगठन ने कहा है कि इसका घरेलू बाजार पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वैश्विक बाजार की कीमतें सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम नहीं हैं।