नई दिल्ली। अगर आप भी CoWIN पोर्टल पर वैक्सीन का स्लॉट बुक करने में परेशानी उठा रहे हैं तो एक अच्छी खबर है। नैशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) ने वैक्सीनेशन स्लॉट की उपलब्धता की जानकारी एक्सेस करने से जुड़ी कुछ पाबंदियां लागू कर दी हैं। इसका फायदा ये होगा कि थर्ड पार्टीज स्लॉट के बारे में इंस्टैंट जानकारी हासिल नहीं कर पाएंगी।
कई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पोर्टल की ओपन APIs का कुछ कोडर्स और सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर्स दुरुपयोग कर रहे थे। वे इसके लिए अलर्ट्स सेट करते थे और स्लॉट बुकिंग कर लेते थे। NHA ने कहा कि यह पाबंदियां इसलिए लगाई गई हैं ताकि प्लेटफॉर्म सबके लिए समान रूप से उपलब्ध हो और साइबर हमलों से बचाव हो सके।
थर्ड पार्टीज को देर से मिलेगी जानकारी
18-44 साल के लोगों के लिए वैक्सीन स्लॉट की बुकिंग खोलने से पहले CoWIN के APIs को सार्वजनिक कर दिया गया था। ताकि कोई भी एक थर्ड पार्टी पोर्टल बना सके जहां नागरिक वैक्सीनेशन स्लॉट सर्च और बुक कर सकें। अब थर्ड पार्टीज को CoWIN के डेटाबेस से स्लॉट की उपलब्धता की जानकारी 30 मिनट की देरी से मिलेगी।
इसके अलावा जियोफेंसिंग भी लगा दी गई है। यानी अब वेबसाइट केवल भारतीय आईपी एड्रेस पर ही खुलेगी। इससे विदेशों में रह रहे उन भारतीयों को दिक्कत आएगी जो देश में मौजूद अपनों को लिए स्लॉट बुक करने की कोशिश कर रहे थे।
क्या है ओपन API?
API यानी ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस। ओपन API का मतलब किसी सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन का सार्वजनिक रूप से डिवेलपर्स एक्सेस मुहैया कराना। उदाहरण के लिए आपके पास गूगल मैप्स की API है जो फूड डिलवरी या ट्रेवल पोर्टल या किसी अन्य सर्विस से इंटीग्रेट होती है। इसके लिए उस सर्विस को अलग से मैप्स का डेटाबेस नहीं बनाना पड़ता। दूसरा उदाहरण UPI API का है जिसके सहारे आप अलग-अलग ऐप्स से UPI पेमेंट कर पाते हैं।
क्या शर्तें लगाई गई हैं?
NHA ने कुछ शर्तें लगा दी हैं जिन्हें पूरा करने के बाद ही CoWIN प्लेटफॉर्म से कम्युनिकेट किया जा सकेगा। सभी थर्ड पार्टी ऐप्स को CoWIN APIs का एक्सेस रहेगा मगर डेटा कैश्ड होगा और 30 मिनट तक पुराना हो सकता है। इसके अलावा एक आईपी से 5 मिनट में 100 API कॉल्स ही की जा सकेंगी। मतलब 5 मिनट में 100 बार ही कोई इन्फॉर्मेशन हासिल की जा सकेगी। भारत से बाहर के किसी आईपी एड्रेस पर CoWIN पोर्टल एक्सेस नहीं किया जा सकेगा। इससे कुछ NRIs के अलावा कुछ कॉर्पोरेट्स को भी दिक्कत होगी जो अपने यहां VPN का यूज करते हैं।
‘छूट का फायदा उठा सकते थे कुछ लोग’
NHA के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि यह बदलाव सुरक्षा के लिहाज से भी अहम हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी एक स्क्रिप्ट लिखकर इस पेज को एक दिन में लाखों बार लोड करवा सकता था जिससे ऐप्लिकेशन धीमी हो जाती। शर्मा के मुताबिक, भारत जितनी आबादी वाले देश में ऐसे किसी ऐप के लिए सुरक्षा बेहद जरूरी है।