नई दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में एक ऐसा बदलाव किया है, जिससे अब वाहन मालिक रजिस्ट्रेशन के वक्त ही अपने उत्तराधिकारी को नामित कर सकते हैं और बाद में भी अपडेट करवा सकते हैं। इस नियम के लागू होने से वाहन के मूल मालिक की मौत के बाद वाहन अपने नाम करने में परेशानी नहीं होगी। इस नियम के लागू होने से वाहन मालिकों को सहूलियत तो होगी ही, वाहन मालिकों की मौत के बाद वाहन का उत्तराधिकारी बनाने में भी आसानी होगी। मंत्रालय ने इसके सन्दर्भ में एक सर्कुलर भी जारी किया है।
वाहन मालिक अब वाहन के पंजीकरण के समय नामित व्यक्ति का नाम डाल सकते हैं या बाद में ऑनलाइन आवेदन के जरिए भी ऐसा कर सकते हैं। पुरानी प्रक्रिया जटिल है और पूरे देश में अलग-अलग तरह की है। अधिसूचित नियमों के तहत नामित व्यक्ति का उल्लेख किए जाने की स्थिति में वाहन मालिक को उस व्यक्ति की पहचान का प्रमाण जमा करना होगा।
अधिसूचना में कहा गया, ”वाहन मालिक की मौत की स्थिति में, वाहन मालिक ने पंजीकरण के समय जिस व्यक्ति को नामित किया है या फिर जो वाहन का उत्तराधिकारी बनता हो, जो भी स्थिति हो, वाहन मालिक की मृत्यु से तीन महीने की अविधि के लिए वाहन का इस तरह से इस्तेमाल कर सकता है जैसे कि वह वाहन उसे हस्तांतरित किया गया हो। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नामित व्यक्ति ने वाहन मालिक की मृत्यु के 30 दिन के भीतर पंजीकरण प्राधिकरण को उसकी मृत्यु की जानकारी दे दी हो और बता दिया हो कि वाहन का वह अब खुद इस्तेमाल करेगा।”
इसमें यह भी कहा गया है कि नामित व्यक्ति या वाहन का मालिकाना हक हासिल करने वाला व्यक्ति वाहन मालिक की मृत्यु के तीन महीने के भीतर वाहन के मालिकाना हक के हस्तांतरण के लिए पंजीकरण प्राधिकरण के पास फॉर्म 31 में आवेदन देगा। साथ ही तलाक या संपत्ति के बंटवारे जैसी स्थितियों में वाहन मालिक नामित व्यक्ति से जुड़ा बदलाव करने के लिए एक सहमत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ नामांकन में बदलाव कर सकता है।