ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर कैसे बचाते हैं मरीज की जान, जानिए

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नई दिल्ली। देश में ऑक्सिजन संकट गहराता जा रहा है। दिल्ली, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में हॉस्पिटल्स में ऑक्सिजन का संकट है। घर में आइसोलेट गंभीर संक्रमितों को भी ऑक्सिजन सिलेंडर मुहैया नहीं हो पा रहे हैं। ऑक्सिजन संकट के इस दौर में ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर (Oxygen Concentrators) चर्चा में आ गए हैं। ये डिवाइस बाजार में पहले से थीं लेकिन कोविड काल में इनकी डिमांड में बेहद ज्यादा उछाल आया है। ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर क्या हैं, कैसे काम करते हैं, इनका मेंटीनेंस और काॅस्ट क्या है…ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िए-

ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर कैसे मदद करते हैं
ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर वह डिवाइस है, जो वातावरण की हवा से ऑक्सिजन जनरेट कर सकती है। ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर हवा से नाइट्रोजन को अलग करता है और ऑक्सिजन की अधिकता वाली गैस को बाहर निकालता हैए जिसका इस्तेमाल ऑक्सिजन की जरूरत वाले मरीज कर सकते हैं। कोरोना मरीजों के मामले में अगर ऑक्सिजन का स्तर 94 फीसदी से कम हो जाता है तो मरीज को तुरंत ऑक्सिजन थेरेपी की जरूरत पड़ती है। ऐसे में ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर सप्लीमेंट ऑक्सिजन मरीजों को सप्लाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर्स, ऑक्सिजन सिलेंडर से कैसे बेहतर हैं?
ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर्स पोर्टेबल होते हैं और इन्हें इस्तेमाल करना आसान होता है। इन्हें कम लागत पर बेहद मामूली मेंटीनेंस की जरूरत होती है। मरीज ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर का इस्तेमाल अपनी सुविधानुसार घर पर डाॅक्टर या हेल्थकेयर वर्कर्स की निगरानी में कर सकते हैं। ऑक्सिजन सिलेंडर के खाली हो जाने पर उसे रीफिल करने की जरूरत होती है लेकिन ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर्स के साथ ऐसा नहीं है। ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर्स लाॅन्ग टर्म यूज के लिए हैं। ऑक्सिजन सिलेंडर्स के साथ बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। साथ ही यह भी नजर रखनी होती है कि कहीं यह लीक न हो जाए वर्ना आग लग सकती है।

ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर्स किस टेक्नोलाॅजी पर काम करते हैं?
ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर इलेक्ट्राॅनिक तरीके से चलने वाली डिवाइस है। यह हवा से ऑक्सिजन को अलग करती है। यह नेजल कैनुला के जरिए ऑक्सिजन की अधिकता वाली हवा मरीज तक पहुंचाती है। क्लीनिकल स्टडीज से साबित हुआ है कि ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर्स, ऑक्सिजन थेरेपी के मामले में बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे कि दूसरी तरह के ऑक्सिजन डिलीवरी सिस्टम्स। ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर प्रेशर स्विंग एब्जॉर्प्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर उन जगहों पर ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैंए जहां लिक्विड ऑक्सिजन या प्रेशराइज्ड ऑक्सिजन इस्तेमाल करना खतरनाक या असुविधाजनक है जैसे कि घर पर या छोटे क्लीनिक्स में। ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर हवा से नाइट्रोजन को अलग करता है और ऑक्सिजन की अधिकता वाली गैस को बाहर निकालता हैए जिसका इस्तेमाल ऑक्सिजन की जरूरत वाले मरीज कर सकते हैं।

ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर का मेंटीनेंस और काॅस्ट क्या है?
ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर को खरीदने के बाद जो मेंटीनेंस काॅस्ट आती है, वह केवल बिजली की खपत और डिस्पोजेबल फिल्टर्स व छलनी को लेकर है। फिल्टर्स और छलनी को कुछ सालों बाद बदलना पड़ता है। ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर में इन बिल्ट ऑक्सिजन सेंसर्स होते हैं, जो ऑक्सिजन की शुद्ता का स्तर कम हो जाने पर संकेत देते हैं।

ऑक्सिजन जनरेट करने की प्रक्रिया क्या है?
एक ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर में एक एयर कंप्रेशर, जियोलाइट पेलेट्स से भरे दो सिलेंडर, एक प्रेशर इक्विलाइजिंग रिजर्वियर, वाॅल्व और ट्यूब्स होते हैं। पहले आधे साइकिल में, ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर का पहला सिलेंडर, कंप्रेशर के जरिए हवा को अपने अंदर लेता है। यह प्रक्रिया लगभग 6 सेंकंड तक होती है। इस वक्त में पहले सिलेंडर में प्रेशर, वातावरण में हवा के प्रेशर से कुछ ज्यादा हो जाता है और जियोलाइट नाइट्रोजन से सैचुरेट हो जाते हैं। नाइट्रोजन साइलेंसर की मदद से एग्जाॅस्ट के जरिए हवा से अलग हो जाती है।

जब पहला सिलेंडर शुद्ध ऑक्सिजन पर पहुंचता है, तो वाॅल्व खुलता है और ऑक्सिजन की अधिकता वाली हवा प्रेशर इक्विलाइजिंग रिजर्वियर की ओर जाती है। यह रिजर्वियर मरीज के ऑक्सिजन हाॅज से जुड़ा रहता है। पहले साइकिल के आखिर में कंप्रेशसर से हवा दूसरे सिलेंडर में जाती है। पहले सिलेंडर का प्रेशर नीचे आ जाता है। साइकिल के दूसरे आधे हिस्से में, वाॅल्व की एक और पोजिशन बदलती है ताकि गैस पहले सिलेंडर में वापस जाकर फिर से वातावरण में मिल सके और प्रेशर इक्विलाइजिंग रिजर्वियर में ऑक्सिजन का कंसन्ट्रेशन 90 फीसदी से नीचे न आ सके। एक प्रेशर रिड्यूसिंग वाॅल्व के जरिए ऑक्सिजन डिलीवर करने वाले हाॅज में प्रेशर स्थिर रहता है।
ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर के फायदे और नुकसान क्या हैं?

ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर के फायदे और नुकसान
मेडिकल ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटरए कम लागत पर ऑक्सिजन उपलब्ध कराने का जरिया होते हैं। ये क्रायोजेनिक ऑक्सिजन के टैंकों या प्रेशराइज्ड सिलेंडर्स का सस्ताए ज्यादा सुविधाजनक और ज्यादा सुरक्षित विकल्प हैं। यह पोर्टेबल और इस्तेमाल में आसान होते हैं। इनकी काॅस्ट और मेंटीनेंस कम है। मरीज इन्हें घर पर डाॅक्टर के सुपरविजन में इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि इन्हें 24 घंटों से ज्यादा लगातार इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कूलिंग के लिए ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर को 30 मिनट के लिए बंद करना जरूरी है। बिजली जाने की स्थिति में इन्हें चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी बैकअप होना जरूरी है।