महाराष्ट्र में लॉकडाउन को लेकर सियासत गर्म, जानिए क्या है तैयारी

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मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों (Corona Virus in Maharashtra) की संख्या और मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए ठाकरे सरकार कुछ समय के लिए लॉकडाउन (Lockdown latest news) लगाने पर विचार कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अफसरों और कोविड टास्क फोर्स के साथ बैठक में सीएम ठाकरे ने लॉकडाउन जैसी पाबंदियों का खाका तैयार करने को कहा है। हालांकि शिवसेना समर्थित पार्टी एनसीपी ने इसका विरोध किया है। इसके अलावा बीजेपी भी लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है। अब महाराष्ट्र में लॉकडाउन या नहीं, इस पर फैसला 2 अप्रैल को हो सकता है।

महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि राज्य में लॉकडाउन नहीं कर सकते हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अन्य विकल्पों पर विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘प्रशासन को लॉकडाउन के लिए रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन अपरिहार्य है। यदि लोग नियमों का पालन करते हैं। तो इसे टाला जा सकता है।’

शिवसेना में भी हो रहा विरोध
एनसीपी के प्रवक्ता और राज्य मंत्री नवाब मलिक ने कहा, ‘अधिकांश कैबिनेट सदस्य लॉकडाउन के खिलाफ हैं। पहले लॉकडाउन में लोगों को बड़ी संख्या में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी और अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई थी।’ शिवसेना के भीतर इस मुद्दे पर कोई सहमति नहीं है, लेकिन एनसीपी इसके विरोध में मुखर है।

दफ्तरों और संस्थानों के लिए निर्देश
उद्धव ठाकरे ने बैठक में कहा कि राज्य में लॉकडाउन आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते जारी किए गए बैन और नियमों का लोग पालन नहीं कर रहे हैं। अगर संक्रमण रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया, तो संपूर्ण राज्य में दोबारा लॉकडाउन लगाया जाएगा। उन्होंने मंत्रालय सहित सरकारी कार्यालयों में आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया और 50 फीसदी कर्मचारी बुलाने का सख्ती से पालन नहीं करने पर निजी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों को लॉकडाउन के लिए तैयार रहने को कहा।

बढ़ सकती है मौतों की संख्या
टास्क फोर्स के डॉक्टरों ने यह भी बताया कि संक्रमण में वृद्धि होने से मौतों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। विशेष रूप से समय पर टेस्ट न करवाने और अस्पताल में भर्ती होने में देरी और आइसोलेशन और क्वारंटीन के नियमों का पालन न करने पर मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट निर्देश दिया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को खराब होने बचाएं, लेकिन ऐसे कई कारक अभी भी हैं, जो जारी दिशा-निर्देशों का न तो ठीक से पालन कर रहे हैं और न ही इसे गंभीरता से ले रहे हैं। निजी कार्यालयों से अभी भी उपस्थिति नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले
सोमवार को महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 31,643 नए मामले सामने आए। 20,854 लोग रिकवर हुए और 102 लोगों की मौत हुई। महाराष्ट्र में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 23,45,593 हो गए हैं। महाराष्ट्र में कोरोना मृत्यु दर (सीएफआर) 1.98 प्रतिशत है, जबकि रिकवरी रेट 85.71 प्रतिशत है। मुंबई में 5,888 नए COVID-19 मामले पाए गए। मुंबई में रिकवरी रेट 85 फीसदी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में 24 घंटों में कोरोना के 68,020 नए मामले दर्ज किए गए जिनमें से महाराष्ट्र में सबसे अधिक 40,414, कर्नाटक में 3,082 जबकि पंजाब में 2,870 नए मामले दर्ज किए गए।