नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्री से कहा है कि अगर कोरोना की दूसरी लहर पर तुरंत काबू नहीं पाया गया तो कोविड-19 महामारी फिर से पूरे देश में फैल जाएगी। उन्होंने राज्यों पर इस दिशा में सख्ती बरतने की अपील करते हुए कुछ ऐसे कदम नहीं उठाने की नसीहत दी जिनसे आम लोगों के बीच भय का माहौल बन जाए। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन के स्तर पर सजगता और सख्ती के साथ-साथ जांच का दायरा भी बढ़ाना होगा। प्रधानमंत्री ने ये बातें पिछले कुछ दिनों से कोरोना पर बढ़ते मामलों पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग के बाद अपने संबोधन में कहीं।
भय का माहौल खड़ा किए बिना कोरोना पर पाएं नियंत्रण
पीएम ने कहा, “कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए। हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है। भय का साम्राज्य नहीं पसरे और कोरोना पर रोक भी लग जाए।” उन्होंने कहा कि हमें कोरोना की इस उभरती हुई “सेकंड पीक” को तुरंत रोकना होगा। इसके लिए हमें त्वरित और निर्णायक कदम उठाने होंगे।
दुनिया के अधिकांश कोरोना प्रभावित देश ऐसे हैं जिन्हें कोरोना की कई वेव का सामना करना पड़ा। हमारे देश में कुछ राज्यों में मामले कम होने के बाद अचानक से बढ़ने लगे हैं। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट बहुत ज्यादा है। देश के 70 जिलों में तो पिछले कुछ हफ्तों में ये वृद्धि 150% से भी ज्यादा है। अगर हम इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोकेंगे तो देशव्यापी आउटब्रेक की स्थिति बन सकती है। हमें जल्दी और निर्णायक कदम उठाने होंगे।
टेस्टिंग का दायरा बढ़ाने पर जोर
पीएम ने मरीजों की तलाश करके उनमें संक्रमण की पुष्टि के लिए जांच करने और फिर उनका इलाज करने की प्रक्रिया पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट को लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं। हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले को कम से कम समय में ट्रैक करना और RT-PCR टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है।” पीएम ने राज्यों से कहा कि वो छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाएं। उन्होंने कहा, “हमें छोटे शहरों में रेफरल सिस्टम और एम्बुलेंस नेटवर्क के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा।”
टेस्टिंग और टीकाकरण कम क्यों?
मोदी ने कहा कि देश में टीकाकरण अभियान भी जोरों से चल रहा है और एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीन लगाए जाने का भी रेकॉर्ड बन गया है। उन्होंने देश के कुछ इलाकों में टीकाकरण की सुस्त गति पर सवाल उठाए। पीएम ने कहा, “देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है। हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन की बर्बादी की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना है।”
ये मंथन का विषय है कि आखिर कुछ क्षेत्रों में ही टेस्टिंग और टीकाकरण कम क्यों हो रहा है। हमें जहां जरूरी हो माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन बनाने के विकल्प पर भी काम करना चाहिए।
सिर्फ एंटिजन टेस्ट से नहीं चलेगा काम: पीएम
प्रधानमंत्री ने एंटिजन टेस्टिंग पर ज्यादा भरोसा करने पर आपत्ति प्रकट की। पीएम ने कुछ राज्यों के नाम गिनाकर कहा कि इन राज्यों में आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “कई राज्यों में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग पर ही ज्यादा बल दिया जा रहा है और उसी भरोसे गाड़ी चल रही है, जैसे केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, यूपी। हमें देश के सभी राज्यों में आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने पर जोर देना होगा।”