कोटा। कोटा जिले से मिले असीम प्यार से अभिभूत होकर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं साहित्यकार टीकम चंद अंजाना ने कोटा संभाग के सार्वजनिक पुस्तकालयों के लिए अपना साहित्य डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव मण्डल पुस्तकालयाध्यक्ष राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा को भेंट किया है। जो आम पाठकों को पढ़ने के लिए सार्वजनिक पुस्तकालयों में उपलब्ध होगा।
डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि – कविता-संग्रह – मां से प्यारा नाम नहीं, कविता-संग्रह – माटी हिंदुस्तान की, काव्य-गाथा – बलिदानी पन्नाधाय एवं कविता-संग्रह- मन मेरा गुलमोहर हुआ यह पुस्तकें कोटा संभाग के पुस्तकालयो में उपलब्ध रहेगी। इन पुस्तकों में मां, देशभक्ति एवं पन्ना धाय के बलिदान की काव्य प्रस्तुति और मन मेरा गुलमोहर हुआ में जीवन के महत्व को पाठक पढ़ पाएंगे। डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि – मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन के लिये श्रेष्ठ साहित्य का अध्य्यन श्रेयस्कर होता है और अनजाना साहब का साहित्य प्रेरक तथा अनुकरणीय है ।