कोटा। पिछले दस माह से बंद काेचिंग, स्कूल-काॅलेज 18 जनवरी से खाेले जाएंगे। बुधवार काे राज्य सरकार ने शिक्षण संस्थानाें के लिए एसओपी जारी की है। राज्य सरकार के आदेश में साफ है कि 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स ही स्कूल आ सकेंगे। वहीं काेचिंग संचालकाें काे निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित पैरामीटर का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए। सरकार की गाइडलाइन में काेचिंग संस्थानाें के अलावा, मैस और हाॅस्टल के लिए भी निर्देश हैं। संक्रमण से बचाव के लिए तय किए गए नियमाें का उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है। गाइडलाइन के अनुसार कंटेनमेंट जाेन के बाहर ही काेचिंग संस्थान खुल सकेंगे।
काेचिंग जाने के लिए स्टूडेंट्स के माता-पिता की लिखित सहमति अनिवार्य है। जाे स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास करना चाहते हैं उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। प्रदेश के बाहर के स्टूडेंट्स काे आने से 24 घंटे पहले आरटीपीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। इस जांच के निगेटिव आने के बाद ही कोचिंग संस्थान में प्रवेश की अनुमति हाेगी। काेचिंग संस्थान काे हर छात्र की अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग करनी हाेगी। स्टूडेंट्स की सूचना कलेक्टर द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी को देनी हाेगी। कोचिंग में नर्स और चिकित्सक की उपलब्धता जरूरी होगी। दो बैच के बीच हर हाल में 30 मिनट का अंतर रखना होगा।
क्लास में कम से कम 6 फीट की दूरी पर बैठेंगे स्टूडेंट्स
- कोचिंग संस्थान खोलने से पहले संपूर्ण भवन, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, पानी के टैंक, रसोईघर, वाॅशरूम, कैंटीन, प्रयोगशाला आदि काे सेनेटाइज करवाया जाए।
- कक्षों आदि में हवा का पूरी तरह प्रवाह रहे, यह सुनिश्चित किया जाए।
- हाथ धोने के पर्याप्त उपकरण उपलब्ध हों।
- थर्मल स्कैनिंग, कीटाणुनाशक, सेनेटाइजर और साबुन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों।
- कोचिंग संस्थानों में आवागमन के लिए परिवहन के सभी साधन सेनेटाइज हों।
- क्लासरूम में स्टूडेंट्स कम से कम 6 फीट की दूरी पर बैठें। स्टाफ रूम, कार्यालय व अन्य स्थानों पर साेशल डिस्टेसिंग बनाए रखने की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
- संस्थान का यह दायित्व होगा कि वह स्टूडेंट्स, अभिभावकों, स्टॉफ को कोरोना वायरस संबंधी चुनौतियों के बारे में जागरूक करें।
- साेशल डिस्टेसिंग रखने, हाथ धोने और मास्क लगाने के पोस्टर, संदेश, स्टीकर लगाए जाएं।
- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध हो।
- संस्थान को खोले जाने से पूर्व रिसेप्शन, पानी पीने के स्थान, हाथ धोने के स्थान पर साेशल डिस्टेंसिंग के लिए सर्किल बनाए जाएं।
- संस्थान खोले जाने से पूर्व अभिभावकों की सहमति प्राप्त की जाए।
मास्क न होने पर कोचिंग संस्थान में मिलेगा मास्क
- स्टूडेंट्स की एंट्री और एक्जिट के दाैरान साेशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा जाए।
- कक्षा में प्रवेश और बाहर जाने के समय सेनेटाइजर या साबुन से हाथ धुलना जरूरी।
- स्टूडेंट्स मास्क लगाने के अलावा स्वयं पानी की बोतल लाना सुनिश्चित किया जाए।
- संस्थान द्वारा स्टूडेंट काे मास्क उपलब्ध कराया जाए। एंबुलेंस की व्यवस्था भी जरूर की जाए।
- क्लासरूम व फैकल्टी रूम को प्रतिदिन सेनेटाइज किया जाए।
- कैंटीन स्टाफ एवं काउंटर के सेनेटाइजेशन का ध्यान रखा जाए। स्टूडेंट्स को सामग्री उपलब्ध कराते समय स्टाफ ग्लव्ज पहनें।
- स्टूडेंट के संक्रमित हाेने पर तुरंत कोविड सेंट में इलाज के लिए भेजा जाए, जिसका खर्च संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा।
आपात स्थिति के लिए हॉस्टल्स में एंबुलेंस की व्यवस्था
हाॅस्टल में एंट्री गेट पर स्टूडेंट्स के लिए ऑटाेमैटिक सेनेटाइजेशन की व्यवस्था रहेंगी। आते-जाते समय छात्राें का तापमान लिया जाएगा और इसकी रजिस्टर में एंट्री हाेगी। हाॅस्टल में स्टूडेंट्स के लिए अलग से आइसाेलेशन फ्लाेर रिजर्व रखा जाएगा। हाॅस्टल में एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी। स्टूडेंट्स के लिए लांड्री की सुविधा भी हाेगी। सात दिन के बाद स्टूडेंटस काे कपड़े साैंपे जाएंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से भी हेल्थ चेकअप की व्यवस्था रखी जाएगी।