आयकर में इन पर भी मिलती है छूट, क्या आप जानते हैं

0
1336

सीए मिलिंद विजयवर्गीय
कोटा।
वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2020 है। यानी आपके पास रिटर्न भरने के लिए कुछ दिन ही शेष हैं। ऐसे में अगर, आप रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो क्या आपको पता है कि आयकर की धारा 80सी के तहत किए गए 1.5 लाख रुपये के निवेश के अलावा भी आप कर छूट हासिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि आप आयकर की किस धारा के तहत कितने का छूट का दावा कर सकते हैं।

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 25 हजार की छूट
अगर आपने स्वास्थ्य बीमा लिया है तो उसके प्रीमियम भुगतान की एवज में 25 हजार रुपये का कर छूट का दावा आयकर की धारा 80डी के तहत कर सकते हैं। यह छूट आप और परिवार के लिए चुकाए गए स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम के एवज में मिलता है। वहीं, आप पर माता-पिता आश्रित हैं और उनके स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो आप अतिरिक्त 50,000 रुपये की कटौती का लाभ ले सकते हैं। इस तरह आप 75,000 रुपये की कुल कर छूट का दावा कर सकते हैं।

दान देने पर भी कर छूट का लाभ
आयकर कानून की धारा 80जी के तहत कर छूट का लाभ मिलता है। इसके तहत कुछ फंड्स और संस्थान निर्धारित किए गए हैं। इनमें दान देने पर टैक्स से छूट मिलती है। इसके तहत दान दिए रकम पर 100 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक कर छूट मिलती है। यह दान देने वाले संस्था को मिले छूट पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दिए गए दान पर 100 फीसदी कर छूट मिलती है।

शिक्षा ऋण के ब्याज राहत
आयकर अधिनियम की धारा 80ई के अंतर्गत एजुकेशन लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, एजुकेशन लोन पर मिलने वाली कर छूट के लिए जरूरी है कि वह किसी बैंक या एनबीएफसी से लिया गया हो। इसके अलावा धर्मार्थ संस्था से भी लिए गए लोन पर भी लाभ मिलता है। इसके तहत कटौती की कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है लेकिन लोन चुकाने की शुरुआत से आठ साल तक ही कर छूट का लाभ लिया जा सकता है।

बीमारियों के इलाज पर टैक्स छूट
हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) सेक्शन 80डीडीबी के तहत कर छूट का दावा कर सकते हैं। खुद या परिवार के आश्रित सदस्य के चिकित्सा खर्च पर यह छूट का दावा किया किया जा सकता है। कानून के तहत आश्रित के दायरे में जीवनसाथी, बच्चे, माता-पिता, भाई और बहन आते हैं। इस धारा के तहत कैंसर, एड्स, किडनी फेल होने पर, हीमोफीलिया, थेलेसेमिया आदि बीमारी के इलाज पर खर्च होने वाली राशि पर 40 हजार तक कर छूट का दावा किया जा सकता है। वहीं, वरिष्ठ नागरिक एक लाख रुपये तक कर छूट का दावा कर सकते हैं।

एनपीएस के जरिए
अगर राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में निवेश किया जाता है तो आपको अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है। धारा 80सी के तहत आप 1.5 लाख रुपये सालाना अधिकतम कटौती का छूट ले सकते हैं। आपको धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत सालाना अतिरिक्त 50,000 रुपये की छूट मिलती है।