वैज्ञानिक शोध के अनुसार, वजन घटाने से लेकर डायबिटीज जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण को कम करने में त्रिफला चूर्ण फायदेमंद साबित हो सकता है। इसी वजह से आगे हम त्रिफला चूर्ण के गुण व फायदों के बारे में बता रहे हैं । बस ख्याल रखें कि किसी भी गंभीर रोग को पूर्ण रूप से ठीक करने के लिए त्रिफला पर निर्भर न रहें, बीमारी के संबंध में उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।
पाचन के लिए त्रिफला के फायदे
गलत खान-पान या ज्यादा बाहर का तैलीय खाना खाने से पेट और पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती है। इस समस्या को ठीक करने के लिए त्रिफला चूर्ण अच्छा विकल्प हो सकता है। त्रिफला के औषधीय गुण पाचन शक्ति में सुधार कर पेट से संबंधित परेशानियों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। खाने को अच्छे से पचाने के साथ ही त्रिफला शरीर में खाने को अवशोषित करने में भी मदद कर सकता है । यह पेट से संबंधित अन्य समस्याओं जैसे – कब्ज और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) को भी ठीक कर सकता है ।
आंखों के लिए त्रिफला के फायदे
शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों का ध्यान रखना भी जरूरी है। त्रिफला आंखों के स्वास्थ्य के लिए टॉनिक का काम कर सकता है। यह आंख के लेंस में ग्लूटाथिओन (एक तरह के एंटीऑक्सीडेंट) के स्तर को बढ़ा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक अध्ययन ने भी इस बात की पुष्टि की है। इसके अलावा, त्रिफला मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में भी कुछ हद तक मददगार हो सकता है । फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
त्रिफला चूर्ण के सेवन के साथ ही इससे आंख को धोया भी जा सकता है। दरअसल, त्रिफला चूर्ण को रातभर पानी में भिगोकर इसके पानी को छानने के बाद आंखों को धोने में इस्तेमाल किया जाता है। यह आंखों की लालीमा और मोतियाबिंद दोनों के लिए फायदेमंद माना गया है । आंखों से बहते चिपचिपे पदार्थ (आई डिस्चार्ज) को भी ठीक करने के लिए त्रिफला का इस्तेमाल किया जा सकता है ।
वजन कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे
कुछ लोग मोटापा कम करने के लिए डाइटिंग या जिम का सहारा लेते हैं, लेकिन कुछ खास असर नहीं होता। ऐसे में अगर त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जाए, तो कुछ हद तक फायदा हो सकता है। त्रिफला चिकित्सीय एजेंट की तरह काम कर सकता है। यह न सिर्फ वजन को कम करने में मदद कर सकता है, बल्कि शरीर का फैट भी कम कर सकता है। पशुओं पर किए हुए एक अध्ययन के मुताबिक अधिक खाना खाने की वजह से हुए मोटापे पर 10 हफ्ते तक त्रिफला का सेवन करने से वजन और वसा दोनों में कमी दर्ज की गई है ।
जिम, व्यायाम या योग के साथ-साथ अगर त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जाए, तो फर्क नजर आ सकता है। वजन कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ मिलाकर दिनभर में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं।
कब्ज के लिए त्रिफला चूर्ण के फायदे
कब्ज के कारण पेट में गैस व दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसे में त्रिफला चूर्ण का सेवन कुछ हद तक इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन में कहा गया है कि इसके सेवन से गैस, कब्ज और अन्य पेट संबंधी परेशानियों से राहत मिल सकती है । इसमें मौजूद टैनिक और गैलिक एसिड कब्ज की समस्या को कम करने में लाभकारी माने गए हैं ।
कब्ज की समस्या से बचने के लिए रोज रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन किया जा सकता है। ध्यान रहे कि इसे पीने के बाद किसी और चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।
रक्तचाप और स्वस्थ हृदय के लिए
त्रिफला चूर्ण को रक्तचाप नियंत्रित रखने और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है। एक रिसर्च में कहा गया है कि उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल किया जा सकता है (8) (9)। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय रोगों से बचाने में मदद कर सकता है। दरअसल, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल को हृदय रोग के मुख्य जोखिम कारक के रूप में जाना जाता है। त्रिफला चूर्ण, इन जोखिमों को कम करके हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के लिए त्रिफला के फायदे
वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है। सालों से आयुर्वेद में त्रिफला को वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों से शरीर को बचाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता रहा है। दरअसल, त्रिफला चूर्ण में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटीपायरेटिक (Antipyretic – बुखार कम करने वाला) गुण होते हैं। एंटी-बैक्टीरियल गुण एक ओर जीवाणुओं से शरीर को बचाने में मदद करता है, तो दूसरी ओर एंटीपाएरेटिक गुण बुखार से शरीर को बचाने में मदद कर सकता है । इसके साथ ही त्रिफला में इम्यूनिटी मॉडयूलेटरी गुण भी होते हैं, जो शरीर की जरूरत के हिसाब से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए त्रिफला के फायदे
जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि त्रिफला में इम्यूनिटी मॉडयूलेटरी गुण होते हैं। दरअसल, रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होते ही शरीर को तरह-तरह की बीमारी जकड़ लेती है। ऐसे में त्रिफला में मौजूद विभिन्न एक्टिव कंपाउंड जैसे – गैलिक एसिड (Gallic acid) और एलेजिक एसिड (Ellagic acid) एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार का काम कर सकते हैं (6)।
डायबिटीज के लिए त्रिफला पाउडर के फायदे
त्रिफला चूर्ण डायबिटीज के रोगियों के लिए भी सहायक साबित हो सकता है। इसके नियमित सेवन से ब्लड ग्लूकोज लेवल कम हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-डायबिटिक और हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव होते हैं, जो टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते है।
डिटॉक्सिफिकेशन के लिए त्रिफला
शरीर में जमा टॉक्सिक यानी विषैले तत्व को बाहर निकालने को डिटॉक्सिफिकेशन कहते हैं। प्राचीन काल से ही त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल डिटॉक्सीफिकेशन के लिए किया जाता रहा है (15)। पर्यावरण, दूषित भोजन और कॉस्मेटिक्स की वजह से शरीर के अंदर पहुंचे वाले टॉक्सीन विभिन्न अंग जैसे कि किडनी, लंग्स और लिवर के कार्य को प्रभावित करते हैं। इसी वजह से समय-समय पर शरीर को डिटॉक्सीफाई करना जरूरी होता है, जिसमें त्रिफला चूर्ण मदद कर सकता है।
जोड़ों के दर्द या गठिया के लिए त्रिफला पाउडर के फायदे
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियां कमजोर होने लगती है। कई लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होने लगती है। आगे चलकर यह गठिया बीमारी का रूप ले सकता है। ऐसे में त्रिफला चूर्ण का सेवन लाभकारी हो सकता है। त्रिफला चूर्ण हड्डियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो गठिया के सूजन को कम करने में मदद कर सकता है । गठिया के लक्षण को कम करने के लिए एक चम्मच त्रिफला पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
बालों के लिए त्रिफला चूर्ण के लाभ
लंबे, घने व चमकदार बाल पाना लगभग हर महिला की इच्छा होती है। इस इच्छा को त्रिफला चूर्ण पूरा कर सकता है। माना जाता है कि यह बालों की ग्रोथ में मदद कर सकता है। ऐसा इसमें मौजूद आंवले की वजह से हो सकता है । बालों के स्वास्थ्य के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन करने के साथ ही बालों को धोया भी जा सकता है। दरअसल, त्रिफला पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर उससे बाल धोने से डैंड्रफ कम हो सकता है