नई दिल्ली। कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों और डेराइवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी की वजह से इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है। कारोबारियों का कहना है कि कोविड-19 वैक्सीन व इससे संबंधित गतिविधियों, अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज को लेकर चर्चा एवं वैश्विक संकेतों से इस सप्ताह देश के शेयर बाजारों की चाल तय होगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख (रिटेल रिसर्च) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ”दुनियाभर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों से पैदा हुए भय के माहौल और वैक्सीन की प्रगति को लेकर उम्मीद की मिली-जुली भावना की वजह से आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला।”
सैमको सिक्योरिटीज में सीनियर रिसर्च एनालिस्ट निराली शाह ने कहा कि आने वाले समय में थोड़े समय पर उच्च स्तर पर रहने के बाद प्रमुख शेयरों में करेक्शन देखने को मिल सकता है। प्रमुख कंपनियों ने तिमाही परिणाम घोषित कर दिए हैं और बाजार की नजर वैश्विक संकेतों या वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की प्रगति पर रह सकती है।
च्वाइस ब्रोकिंग के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुमित बगाडिया ने कहा कि बाजार अब तक के उच्चतम स्तर के आसपास हैं। आने वाले समय में इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।पिछले सप्ताह Sensex में 439.25 अंक या 1.01 फीसद, NSE Nifty में 139.10 अंक या 1.09 फीसद की बढ़त देखने को मिली।स्टॉक एक्सचेंज के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शेयर बाजार में शुद्ध आधार पर 3,860.78 करोड़ रुपये के शेयरों की लिवाली की।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (शोध) विनोद नायर ने कहा, ”कोविड-19 के बढ़ते मामलों और अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज को लेकर विभाजित राय के बीच वैश्विक बाजारों में सतर्क रुख देखने को मिल रहा है। वैक्सीन का वितरण कितना प्रभावी रहता है, इस पर बाजार की आगे की दिशा तय होगी।”