जेईई एडवांस्ड टॉपर्स इंटरव्यू : शुरुआत जल्दी होगी तो परिणाम बेहतर आएंगे

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हर्ष संजय शाह, जेईई एडवांस्ड- एआईआर 11

कोटा। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट हर्ष संजय शाह ने ऑल इंडिया 11वीं रैंक प्राप्त की है। हर्ष ने बताया कि जेईई का सिलेबस काफी बड़ा है। प्रश्नों को ज्यादा से ज्यादा प्रेक्टिस की जरुरत होती है। इसलिए जेईई की तैयारी की शुरुआत जितनी जल्दी की जाए, स्टूडेंट के लिए उतना ही बेहतर होता है। मैं पिछले चार साल से एलन का स्टूडेंट हूं। फैकल्टीज ने मुझे पूरा गाइड किया कि किस तरह एग्जाम की तैयारी करनी चाहिए।

पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह के डाउट्स को दूर करने के लिए फैक्ल्टीज हमेशा तैयार रहती थी। किस टॉपिक पर ज्यादा फोकस की जरुरत है। मैं तीनों विषयों में सबसे ज्यादा टाइम मैथ्स को देता था। क्योंकि मैथ्स में प्रेक्टिस की ज्यादा जरुरत होती है। स्टूडेंट्स से कहना चाहूंगा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए शांति दिमाग रहकर पढ़ाई करें।

वीकली टेस्ट से फायदा मिला
हर्ष ने बताया कि मैं परफॉर्मेन्स में सुधार के लिए एलन के वीकली टेस्ट रेगुलर देता था। इससे वीक प्वाइंट्स की पहचान होने के साथ ही आपका सब्जेक्ट पर कमांड मजबूत होता चला जाता है। पिता संजय शाह डॉक्टर एवं मां नीलम शाह गृहिणी हैं। बड़े भाई भी डॉक्टर है और फिलहाल पीजी कर रहे हैं।

जेईई की तैयारी के लिए कोटा से अच्छा कुछ नहीं


यदि किसी को आईआईटीयन बनने का सपना पूरा करना है तो, कोटा से अच्छा कुछ नहीं। क्योंकि कोटा अनुशासित शहर है। यहां सिखाया जाता है किस तरह लक्ष्य को कड़ी मेहनत कर हासिल किया जाए। यह कहना है जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया बारहवीं रैंक प्राप्त लक्ष्य गुप्ता का। जोकि पिछले दो साल से कोटा में अध्ययनरत है। इससे पूर्व जेईई मेन्स में ऑल इंडिया 48वीं रैंक प्राप्त कर चुके एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट लक्ष्य गुप्ता ने बताया कि एलन में फैकल्टीज प्रत्येक स्टूडेंट के सपने को खुद का सपना मानकर उसके साथ कड़ी मेहनत करती है। यहां पढ़ना और पढ़ाना एक मिशन है। कोटा का माहौल कुछ ऐसा है कि पढ़ाई नहीं करने वाला स्टूडेंट भी दूसरों को देखकर प्रेरित होता है। मैंने इसी वर्ष 12वीं कक्षा 96.8 प्रशित अंकों से पास की है। इससे पूर्व 10वीं कक्षा में 96.6 प्रतिशत अंक थे। इसके अलावा ऑनलाइन फिजिक्स ओलंपियाड (ओपीएचओ) में गोल्ड मैडल एवं एपीएचओ में ब्रॉन्ज मैडल हासिल किया था। आईएनपीएचओ, आईएनसीएचओ एवं आईएनएओ क्वालिफाइड हूं। जबकि केवीपीवाय 12वीं कक्षा में ऑल इंडिया 53 रैंक थी।

लक्ष्य गुप्ता, रैंक एआईआर-12वीं

पहले कैमिस्ट्री रटता था, अब समझने लगा हूं
लक्ष्य ने बताया कि जेईई का सिलेबस हार्ड तो है लेकिन शुरुआत से प्लानिंग के साथ पढ़ाई की जाए तो इस एग्जाम को क्रेक करना मुश्किल भी नहीं है। मैंने फैकल्टीज की गाइडेंस को हमेशा फॉलो किया। कोटा आने से पहले मैं कैमिस्ट्री से दूर भागता था। पढ़ता भी तो उसको रटता था लेकिन एलन में आने के बाद कैमिस्ट्री मुझे समझ में आने लगी। यहां बेसिक से सारे कंसेप्ट्स क्लीयर हुए तो इस विषय पर अब मेरी अच्छी पकड़़ हो चुकी है। क्लासरूम स्टडी के अलावा सेल्फ स्टडी के टाइम को तीनों विषयों में इक्वली डिवाइड करता था। ऐसा करना जरुरी है। क्योंकि अक्सर स्टूडेंट एक ही विषय के चक्कर में दूसरे विषय में पिछड़ जाते हैं। चाहे रात की दो बज जाए लेकिन, डाउट्स रेगुलरली क्लीयर करता था। मैं आईआईटी मुम्बई में सीएस ब्रांच से बीटेक कर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कुछ चाहता हूं।

एलन मस्क मेरे आदर्श
लक्ष्य ने बताया कि वर्ल्ड के सक्सेसफुल बिजनेसमैन व स्पेसएक्स कंपनी के सीईओ एलन मस्क को मैं अपना आदर्श मानता हूं। क्योंकि उन्होने कई चुनौतियां के बाद भी हार नहीं मानी। उनकी बिजनेस स्ट्रेटेजी काफी प्रभावी है। लॉकडाउन टाइम में जुलाई तक कोटा में ही था। फिर नोएडा चला गया था। शायद लॉकडाउन नहीं लगता तो मेरी परफॉर्मेन्स और ज्यादा अच्छी होती। क्योंकि तैयारी पूरी की हुई थी। मेरे पिता योगेश गुप्ता नोएडा में इंजीनियर एवं मां शैली गुप्ता गृहिणी है।

हर टेस्ट के साथ वीक प्वाइंट्स को मजबूत किया


एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की छात्रा सिंधुजा गुत्ता ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा में ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की है। हैदराबाद निवासी सिंधुजा पिछले दो साल से कोटा में अपने नाना-नानी के साथ रहकर एडवांस्ड की तैयारी कर रही थी। एलन की रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट सिंधुजा ने इससे पूर्व जेईई मेन्स में ऑल इंडिया 77वीं रैंक प्राप्त कर राजस्थान स्टेट में गर्ल्स कैटेगिरी में टॉप किया था।

सिंधुजा गुत्ता एआईआरः 18 – आल इंडिया गर्ल्स सैकेंड टॉपर

सिंधुजा ने बताया कि मैंने जेईई की तैयारी के दौरान आत्मविश्वास मजबूत रखा। खुद पर विश्वास था कि मैं कर सकती हूं। फैकल्टीज ने जैसा बोला, उसके अनुसार ही पढ़ाई की स्ट्रेटेजी तैयारी की। मैं ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को सॉल्व कर प्रेक्टिस किया करती थी। हर टेस्ट की तैयारी पहले से ज्यादा अच्छे से तरीक से करती थी। इससे वीक प्वाइंट्स बाहर आते गए और मैं उन्हें दूर करती गई। पढ़ाई का कभी मैंने स्ट्रेस नहीं लिया। हमेशा पढ़ाई को एंजॉय किया है। मेरे बड़े भाई साई तेजा आईआईटी मुम्बई से बीटेक है। उनको देखकर ही मुझे आईआईटीयन बनने की प्रेरणा मिली। पिता रामशेखर राव एवं मां नागामल्ली कोल्ली, दोनों प्राईवेट कंपनी में जॉब करते हैं।