जुलाई 2021 तक देश के 25 करोड़ लोगों तक कोरोना की वैक्सीन पहुंचाने की तैयारी

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बनाई जा रही वैक्सीन को बड़े पैमाने पर लोगों के बीच पहुंचाने का खांका खींचा गया है। सरकार की योजना के मुताबिक, जुलाई 2021 तक प्रस्तावित वैक्सीन को कुल 20-25 करोड़ लोगों को दिया जाएगा। इसके लिए वॉलिंटियर्स को प्रशिक्षित करने और वैक्सीनेशन कैंपेन की पूरी योजना बनाने पर काम शुरू हो गया है।

केंद्र सरकार ने राज्यों से उन लोगों की संख्या पूछी है, जिन्हें वहां पर प्रियॉरिटी के साथ वैक्सीन जदी जानी है। इसमें सबसे पहली प्राथमिकता उन स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाएगी, जो कि कोरोना काल में हेल्थ सिस्टम में काम कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया पर एक बातचीत के दौरान वैक्सीन के बाजार में आने और लोगों के बीच पहुंचने के मुद्दे पर तमाम डिटेल्स साझा की। मंत्री ने कहा कि वैक्सीन की प्रोक्योरमेंट का काम सेंट्रलाइज्ड मैकेनिज्म के जरिए किया जाएगा। इसके अलावा इसकी रियल टाइम मॉनिटरिंग भी होगी, जिससे कि ब्लैक मार्केटिंग जैसी चीजें रोकी जा सकें।

हेल्थ वर्कर्स को पहली प्राथमिकता
मंत्री ने कहा कि पहली प्राथमिकता पर कोरोना के हेल्थ वॉरियर्स को वैक्सीन दी जाएगी। इसमें सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिक्स, सैनिटरी स्टाफ, आशा वर्कर्स, सर्विलांस ऑफिसर्स और टेस्टिंग से लेकर ट्रीटमेंट तक का काम कर रहे हेल्थ वर्कर्स शामिल होंगे। इन सभी को वैक्सीन कैसे पहुंचाई जाएगी, इसकी योजना का फाइनल प्लान अक्टूबर के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार ऐसी योजना तैयार करने में जुटी है, जिससे कि पारदर्शी और प्रभावी तरीके से वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाया जा सके। सबसे पहली प्राथमिकता यही है कि वैक्सीन बनने के बाद इसे देश के हर नागरिक को उपलब्ध करा दिया जाए।

तीन वैक्सीन फेज 2 या फेज 3 के ट्रायल में
भारत में तीन ऐसी दवाएं हैं जो कि फेज 2 या फेज 3 के ट्रायल स्टेज में हैं और इन सभी के सकारात्मक परिणाम भी दिख रहे हैं। सरकार ने संकेत दिए हैं कि वैक्सीन बनाने का काम 2021 की शुरुआत तक पूरा हो जाएगा। हालांकि सारे अप्रूवल देने का काम तभी खत्म होगा, जबकि ट्रायल से जुड़े डेटा का गहन अध्ययन कर लिया जाए। वहीं वैक्सीन के आने की सुगबुगाहट से पहले इसके डिस्ट्रीब्यूशन के लिए नीति आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बड़ी टीमें पूरा प्लान तैयार करने में जुटी हैं। इसके लिए वैक्सीन के बड़े स्तर पर उत्पादन से लेकर इसे आम लोगों तक पहुंचाने तक सभी योजनाओं पर गहन मंथन हो रहा है।