नई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने रविवार को कहा कि उसने जाली निर्यातकों से जुड़े 56 कस्टम्स ब्रोकर्स के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ एनालिटिक्स एंड रिस्क मैनेजमेंट (DGARM) ने जालसाजी करने वाले निर्यातकों से जुड़े कस्टम्स ब्रोकर्स के आंकड़ों का विश्लेषण किया था। इसी के आधार पर 56 कस्टम्स ब्रोकर्स के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं।
सीबीआईसी ने एक बयान में कहा कि 56 कस्टम्स ब्रोकर्स के लाइसेंस अगस्त 2019 से लेकर अब तक के लिए निलंबित किए गए हैं। इनमें से 37 ब्रोकर्स दिल्ली के हैं। इस मामले में 62 कस्टम्स ब्रोकर्स की जांच की गई थी। इन ब्रोकर्स ने 1,431 अज्ञात निर्यातकों के 15,290 से ज्यादा निर्यात कंसाइनमेंट्स हैंडल किए थे।
अज्ञात निर्यातकों ने रिफंड का भी दावा किया था
एक मामले में एक कस्टम्स ब्रोकर ने 99 अज्ञात एक्सपोर्टर्स के निर्यात हैंडल किए थे। इन अज्ञात निर्यातकों ने 121.79 करोड़ रुपए के आईजीएसटी रिफंड का दावा किया था। सीबीआईसी ने कहा कि इन कस्टम्स ब्रोकर्स की गतिविधियां कुछ समय से संदेह के घेरे में थीं।
निलंबित कस्टम्स ब्रोकर्स कारोबार नहीं कर पाएंगे
इस मामले में अधिकारी अब तक 226 करोड़ रुपए के आईजीएसटी रिफंड को ब्लॉक कर पाए हैं। 56 कसटम्स ब्रोकर्स के लाइसेंस निलंबित हो चुके हैं और बाकी की जांच चल रही है। नीलंबित किए जा चुके कस्टम्स ब्रोकर्स कारोबार नहीं कर पाएंगे।
आयात में भी हेराफेरी की आशंका
सीबीआईसी ने कहा कि सभी आयात कंसाइनमेंट्स की 100 फीसदी जांच के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है, क्योंकि माना जा रहा है कि संदिग्त कस्टम्स ब्रोकर्स आयात में भी हेराफेरी कर रहे होंगे। मध्य जुलाई तक 7,516 निर्यातक सीबीआई के जोखिम वाले निर्यातकों की सूची में शामिल थे।