नयी दिल्ली । रीयल एस्टेट क्षेत्र के ब्रोकरों के लिए एक नेटवर्क की तरह कार्य करने वाली अमेरिकी कंपनी की भारतीय इकाई रीमैक्स इंडिया का कहना है कि नोटबंदी से लघु अवधि में रीयल एस्टेट को एक धक्का लगा पर इससे एक बड़ा फायदा यह हुआ कि संपत्ति बाजार में जो कीमतें अनाप-शनाप बढ़ी हुईं थी, वे नीचें आई हैं।
रीमैक्स का यह भी मानना है कि जमीन जायदाद बाजार के विनियमन के लिए रीयल एस्टेट विनियमन अधिनियम (रेरा) और नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी से इस क्षेत्र को बड़ा फायदा होगा।
कंपनी के चेयरमैन सैम चोपड़ा ने बातचीत में संपत्ति बाजार की मौजूदा चुनौतियों के बारे में कहा, ‘‘बाजार की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि डेवलपरों ने उन संपत्तियों को खड़ा करने में निवेश किया जिसका खरीदार ही नहीं है। इससे हुआ यह कि इस क्षेत्र में इंवेंटरी बढ़ गई और मांग घट गई।
इससे कई परियोजनाएं अटक गईं और बाजार में ग्राहक एवं विक्रेता के बीच भरोसे की कमी हो गई।’’ हाल में सरकार द्वारा लागू किए गए रेरा के बारे में चोपड़ा ने कहा, ‘ इससे कहीं ना कहीं इसी भरोसे की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
क्योंकि ग्राहक के पास शिकायत करने का एक आधार होगा और सरकार के पास डेवलपरों की जवाबदेही तय करने की सहूलियत होगी। इससे बाजार में भरोसा बढ़ेगा और मांग का अंतर पाटने में भी मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने से वास्तविक खरीदार के पास संपत्ति खरीदने का विकल्प होगा।
क्योंकि सुरक्षित लेनदेन से उसकी खरीद की क्षमता बढ़ेगी।, ‘‘नोटबंदी ने रीयल एस्टेट बाजार को नकारात्मक और सकारात्मक दोनों प्रकार से प्रभावित किया। इसमें अच्छाई यह रही कि संपत्ति की कीमतें गलत तरीके से जो बेहताशा बढ़ीं हुईं थी वे नीचे आयी हैं।
जबकि लघु अवधि में नुकसान यह हुआ कि डेवलपरों को उनके निवेश का कुछ भी वापस नहीं मिला।’’ रीमैक्स इंडिया के बारे में कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी यतिन शर्मा ने कहा कि कंपनी फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करती है। देश भर में उसने संपत्ति ब्रोकरों का नेटवर्क खड़ा किया है।
वर्ष 2020 तक वह ऐसे 200 फ्रेंचाइजी केंद्रों की स्थापना करेगी जिससे देशभर में करीब 2,500 संपत्ति ब्रोकर जुड़े होंगे। वह ऐसे केंद्र देश के प्रमुख 25 शहरों में खोलेगी जिनमें महानगरों के अलावा टियर-1, टियर-2 और स्मार्टसिटी भी शामिल हैं।
शर्मा ने कहा कि कंपनी फ्रेंचाइजी आधार पर ब्रोकर कार्यालय खोलती है। यह संपत्ति बाजार में ब्रोकरों को विश्वसनीयता प्रदान करने का काम करती है। इस प्रकार वह उनके लिए एक नेटवर्क बनाने का काम करती है। इससे इस क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावनाएं बढ़ती हैं।
शर्मा ने कहा, ‘‘कंपनी 2009 से भारत में कार्यरत है, लेकिन अब वह अपना विस्तार 200 केंद्रों तक करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। इसके लिए वह 100-150 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसका अधिकांश हिस्सा वह ब्रांड बनाने में निवेश करेगी।’’