नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने गोल्ड हॉलमार्किंग केंद्रों के लिए पंजीकरण और नवीनीकरण की ऑनलाइन प्रक्रिया शुक्रवार को लांच कर दी। इससे उन सभी ज्वैलरों और उभरते उद्यमियों को फायदा होगा जो हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित करना चाहते हैं या जिनके केंद्र पहले से चल रहे हैं। गोल्ड हॉलमार्किंग की व्यवस्था अब तक स्वैच्छिक ही रही है। लेकिन अगले वर्ष जून से यह अनिवार्य हो जाएगी। उसके बाद से सोने के जितने भी गहने-जेवर बेचे जाएंगे, उनमें हॉलमार्किंग अनिवार्य होगा।
हॉलमार्किंग का मतलब यह है कि ज्वैलरी पर यह लिखना अनिवार्य हो जाएगा कि वह कितने कैरट की है। इससे गहनों की शुद्धता के मामले में ज्वैलरों के कहे पर ही भरोसा करने को मजबूर नहीं रहना पड़ेगा, जैसा कि अब तक हो रहा था। वर्तमान में देशभर के 234 जिलों में गोल्ड हॉलमार्किंग के 921 केंद्र हैं। लेकिन हॉलमार्किंग अनिवार्य नहीं होने की वजह से ज्वैलर इसे गंभीरता से नहीं लेते थे।
पासवान ने हॉलमार्किंग केंद्र के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया लांच करते हुए कहा कि वर्तमान में 31,000 ज्वैलरों ने आवेदन किए हैं। लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद यह संख्या पांच लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इतने पंजीकरण का फिजिकल सत्यापन आसान नहीं होता। उनका कहना था कि अब गोल्ड हॉलमार्किंग केंद्र शुरू करने के लिए सभी संबंधित आवेदन ऑनलाइन दाखिल किए जाएंगे। इसका अपडेट लेना भी आसान रहेगा और आवेदनों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी।