उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में हर साल सावन के प्रत्येक सोमवार को निकलने वाली राजा महाकाल की सवारी (mahakal ki shahi sawari) कोरोना के इस दौर में भी उसी परंपरा और वैभव के साथ निकलेगी। सवारी में आम जनता (ban on people joining shahi sawari) को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे।
सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इस साल सवारी का रूट छोटा होगा। इस साल सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई को है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध महाकाल बाबा की सवारी हर बार की तरह इस साल भी निकाली जाएगी, लेकिन इसमें कोरोना से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। जिला प्रशासन ने कई दिनों तक विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया है। फैसला लेने से पहले मंदिर के पुजारी, मीडिया और आम लोगों से भी इस बारे में राय मांगी गई थी।
इस बार कोरोना की महामारी के चलते पूरे देश के साथ उज्जैन भी उससे बुरी तरह पीड़ित है। शहर में अब तक करीब 70 लोगों की जान जा चुकी है। बीते कुछ दिनों से हालांकि संक्रमण में कमी आई है। दो दिनों से कोरोना पॉजिटिव की संख्या में कोई इजाफा नहीं हुआ है। अनलॉक 01 कौ दौरान उज्जैन शहर को करीब-करीब पूरी तरह खोल दिया गया है।
उज्जैन में सवारी निकाले जाने की आज हुई घोषणा के बाद भक्तों में हर्ष व्याप्त है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सवारी पारंपरिक वैभव के अनुसार ही निकाली जाएगी, लेकिन इसका रूट छोटा होगा। सबसे अहम बात यह है कि सवारी में आम जनता को शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन दर्शन ही कर सकते हैं। सोमवार को कमिश्नर आनंद शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी मनोज कुमार सिंह समेत नगर निगम के अधिकारियों ने सवारी के रूट का जायजा लिया।