नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लद्दाख की गलवान घाटी में ‘सैनिकों को निहत्थे भेजने’ के बयान पर साथी दल से ही नसीहत मिल गई है। महाराष्ट्र में राहुल की पार्टी कांग्रेस और शिवसेना के साथ सरकार चला रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में इसका मुद्दा उठाया।
देश के रक्षा मंत्री रह चुके शरद पवार ने कहा कि सैनिक कब-कहां हथियार के साथ रहेंगे और कहां नहीं, यह अंतरराष्ट्रीय समझौतों के मुताबिक तय होता है। सूत्रों की मानें तो पवार ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर कुछ भी बोलते वक्त लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। बड़ी बात यह है कि पवार खुद रक्षा मंत्री रह चुके हैं और जब वह बोल रहे थे तब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मीटिंग में मौजूद थीं।
सुनिए, क्या कहा था राहुल गांधी ने
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश ट्वीट कर भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि गलवान में सैनिकों को निहत्थे मोर्चे पर भेज दिया गया जिसकी कीमत उन्हें जान देकर चुकानी पड़ी। उन्होंने सवाल किया कि 20 सैनिकों के वीरगति प्राप्त करने का जिम्मेदार कौन है?
विदेश मंत्री ने दिया था राहुल को जवाब
इससे कुछ घंटे पहले भी राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने यही सवाल किया। उन्होंने लिखा, ‘चीन आखिर हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या करने की हिमाकत कैसे कर सकता है? हमारे सैनिकों को शहादत के लिए निहत्थे क्यों भेज दिया गया?’ इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन्होंने बताया था कि सैनिक निहत्थे नहीं थे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत वहां गोली चलाने की परंपरा नहीं है जिसका पालन किया गया।
चीन के धोखे पर सर्वदलीय बैठक
बहरहाल, चीन के धोखे ने भारत को इस बात पर विचार करने को मजबूर कर दिया है कि क्या अब चीन के प्रति हमारी नीति बदलने का वक्त आ गया है? और, क्या हमारे सैनिकों पर उसके सैनिकों के बर्बरतापूर्ण हमले पर कोई ऐसा ऐक्शन लिया जाए जिससे चीन को कड़ा संदेश मिल सके? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुलाई सर्वदलीय बैठक में इन्हीं गंभीर सवालों पर चर्चा हो रही है। इस बैठक में 20 दलों के प्रमुख या प्रतिनिधि शामिल हैं।