कोचिंग के हजारों छात्रों को लौटना ही पड़ेगा कोटा, जानिए क्यों

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एसपी मित्तल
कोटा।
सब जानते हैं कि लॉकडाउन में किन विपरीत परिस्थितियों में राजस्थान के कोटा शहर में कोचिंग करने वाले विद्यार्थियों को बाहर निकाला गया। कोरोना वायरस की दहशत में घोषित लॉकडाउन में जब आवागमन पर रोक लगा दी गई, तब उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के मुख्ममंत्रियों ने अथक प्रयास कर अपने राज्यों के बच्चों को कोटा से निकाला। बच्चों के घर पहुंचने पर अभिभावकों ने राहत की सांस ली।

अब 18 जून से ऐसे अधिकांश विद्यार्थियों को वापस कोटा आना पड़ेगा। यह भी सब जानते हैं कि कोटा के कोचिंग सेंटरों में पढऩे वाले विद्यार्थी तैयारी तो उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए करते हैं, लेकिन साथ ही 10वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई भी करते हैं। कोचिंग सेंटरों के मालिक ही ऐसे विद्यार्थियों का प्रवेश डमी स्कूल में करवा देते हैं। यानी विद्यार्थी तो कोचिंग सेंटर में पढ़ता है, लेकिन उसकी उपस्थिति स्कूल में दर्ज हो जाती है।

ऐसे विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा देने के लिए स्कूल जाते हैं। चूंकि राजस्थान शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की बकाया परीक्षा का टाइम टेबल घोषित कर दिया है। इसलिए कोटा के कोचिंग सेंटरों में पढऩे वाले उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, हरियाणा आदि के विद्यार्थी अब वापस कोटा आएंगे। बोर्ड द्वारा घोषित टाइम टेबल के अनुसार 12वीं के वैकल्पिक विषयों की परीक्षा 18 से 30 जून के बीच होगी। जबकि 10वीं की सामाजिक विज्ञान और गणित विषय की परीक्षा 29 व 30 जून को प्रदेशभर में होगी।

प्रदेश में उप परीक्षा केन्द्र बनेंगे:
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव अरविंद सेंगवा ने बताया कि राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप ही बोर्ड अब बकाया परीक्षा करवा रहा है। पूर्व की व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों और परीक्षा केन्द्र के अधीक्षक को उपकेन्द्र बनाने के निर्देश दिए हैं। केन्द्राधीक्षकों से कहा गया कि वे स्कूल प्रबंधन के साथ वार्ता कर पहले स्कूल परिसर में परीक्षार्थियों का समायोजन करवाएं।

इसके लिए स्कूल के हॉल, बरामदों आदि का उपयोग भी किया जा सकता है, लेकिन टेंट लगाकर परीक्षा लेने की अनुमति नहीं दी गई है। प्रदेशभर में करीब 500 उपपरीक्षा केन्द्र बनने की उम्मीद है। पूर्व में पांच हजार 700 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं भिजवाने की व्यवस्था भी पुरानी ही होगी। उपकेन्द्र मुख्य परीक्षा केन्द्र के आसपास ही होंगे। इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि परीक्षा की गोपनीयता बनी रहे।

सेंगवा ने माना कि सीबीएसई ने विद्यार्थियों को अपने ही शहर में परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है। लेकिन राजस्थान बोर्ड ऐसा नहीं कर सकता है। विद्यार्थियों को अपने पुराने परीक्षा कैन्द्र पर ही परीक्षा देनी होगी। बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में 11 लाख तथा 12वीं की परीक्षा में 9 लाख विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।