- समर्थन मूल्य पर सम्पूर्ण गेहूं की खरीदी करने की मांग
- तुलाई केन्द्रों पर खरीद प्रक्रिया की स्पीड बढाई जाए
कोटा। भारतीय किसान संघ की ओर से सरकार और प्रशासन को चेताने के बावजूद अभी तक कृषि जिन्सों की 40 प्रतिशत खरीद को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई है। अब भारतीय किसान संघ ने सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए तहसील केन्द्रों पर मंगलवार से धरना देने का निर्णय किया है।
चित्तौड़ प्रान्त मंत्री जगदीश कलमंडा तथा संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने बताया कि कोटा जिले में दीगोद, पीपल्दा, रामगंजमंडी और सांगोद में धरना आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा बारां जिले में अन्ता, अटरू, बारां नगर, छबड़ा, छीपाबड़ौद, किशनगंज, मांगरोल और शाहाबाद में धरने दिए जाएंगे।
वहीं, झालावाड़ में भी अकलेरा, गंगधार, झालरापाटन, खानपुर, मनोहरथाना, पचपहाड़ और पिड़ावा तथा बूंदी जिले में नगर, हिण्डोली, इन्द्रगढ, केशवरायपाटन, नैनवां में 26 मईं को धरने देकर अपनी मांगे रखी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भारतीय किसान संघ की ओर से तहसील और जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन देकर प्रशासन के समक्ष मांगे रखी गई थीं।
जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी तथा जिला प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव ने बताया कि किसानों की केवल 20 प्रतिशत उपज को ही खरीदा जा रहा है। जबकि कुछ संभागों में सम्पूर्ण खरीदी की जा रही है। वहीं सरकार की ओर से 40 प्रतिशत जिन्स की खरीद करने के लिए कहा गया है। इसके बावजूद प्रशासन की तैयारियां नियमानुसार 40 प्रतिशत कृषि जिंस खरीद की नहीं दिखाई दे रही है।
सरकारी खरीद केन्द्रों पर दोपहर बाद कांटें खाली हो जाते हैं। ऐसे में, कांटों पर खरीद की स्पीड को बढाया जाना चाहिए। जिला कलेक्टर ने भारतीय किसान संघ को 30 जून तक गेहूं की खरीद कर लेने के लिए आश्वस्त किया था। लेकिन वर्तमान स्पीड से 30 जून तक भी खरीदी कर पाना संभव नहीं लगता है।
जबकि जून के महीने में बारिश शुरू होने पर खरीदी में अड़चनें आएंगी। इसके अलावा छोटे किसानों को टोकन जारी करके खरीद की जानी चाहिए। इसके लिए खरीद केन्द्रों की क्षमता को बढाया जाना चाहिए। इसके लिए टोकन व्यवस्था को लागू करके राहत प्रदान की जा सकती है। फसल बीमा का लाभ अभी तक 40 प्रतिशत किसानों को ही मिल पाया है।
लहसुन की तुलाई चार दिन करने की मांग
शहर अध्यक्ष महावीर नागर ने भारतीय किसान संघ की मांग के अनुसार भामाशाह मंडी में लहसुन की तुलाई शुरू करने के लिए प्रशासन का आभार जताते हुए इसे दो दिन से बढाकर चार दिन करने की मांग की है। वहीं भारतीय किसान संघ की ओर से राजस्थान सरकार के द्वारा कृषक कल्याण कोष के तहत लगाए गए 2 प्रतिशत टैक्स को समाप्त करने की मांग को मान लेने पर भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद पत्र भेजा है।