राज. से 2400 प्रवासी छात्र-श्रमिकों को लेकर 2 स्पेशल ट्रेन बिहार और झारखंड रवाना

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जयपुर। लॉकडाउन (के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल रंग लाई है। इसके लिए राजस्थान में रह रहे प्रवासी स्टूडेंट्स व मजदूरों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। एक ट्रेन शुक्रवार रात 10 बजे कोटा से 1200 स्टूडेंट्स को लेकर रांची (झारखंड) और दूसरी ट्रेन जयपुर से करीब 1200 मजदूरों को लेकर पटना (बिहार) के लिए रवाना की गई। ।

उद्योग एवं प्रवासी श्रमिक समस्या समाधान समिति के अध्यक्ष डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब शनिवार से रोजाना 5 स्पेशल ट्रेनें संचालित की जाएंगी। अग्रवाल के मुताबिक, राज्य से अब तक 38 हजार से ज्यादा मजदूरों व प्रवासियों को दूसरे राज्यों में भेजा जा चुका है। इनमें 27 हजार मध्यप्रदेश, 6197 पंजाब, 2387 हरियाणा के लोग शामिल हैं। इसके अलावा कोटा में पढ़ रहे यूपी सहित कई राज्यों के 25 हजार 259 स्टूडेंट्स को उनके घर भेजा जा चुका है। शुक्रवार को ओडिशा के 224 स्टूडेंट्स को 8 बसों से उनके घर पहुंचाने के लिए रवाना किया।

हरियाणा, मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों में फंसे करीब 20 हजार मजदूरों की वापसी
एसीएस सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अन्य राज्यों से करीब 20 हजार मजदूरों को राजस्थान लाया गया है। इनमें से गुजरात से 13 हजार 547 मजदूर व प्रवासी है। इसके अलावा मध्यप्रदेश से 4166, पंजाब से 424 लोगों का आवागमन हुआ है।

उत्तरप्रदेश सरकार ने 6911 श्रमिकों के आवागमन के लिए मंजूरी दी है। इनका आवागमन शुक्रवार रात से शुरू होकर 3 मई तक पूरा हो जाएगा। उत्तराखंड के 360 मजदूरों को शुक्रवार से भेजना शुरू कर दिया गया है। वहां से देर रात राजस्थान के 360 मजदूरों को यहां लाया जाएगा।

अजमेर में फंसे जायरीनों को भी गृह राज्य में भेजने का प्रयास
राजस्थान सरकार अजमेर में फंसे कई राज्यों के जायरीनों को भी उनके राज्यों तक पहुंचाने की कोशिश में जुटी है। अब तक कुल 870 जायरीनों को भेजा जा चुका है। अब अजमेर में करीब 300 जायरीन बचे हैं। वहीं, असम से 222 प्रवासियों को लेकर 17 बसें राजस्थान पहुंच चुकी है।

शुक्रवार काे ये छह ट्रेनें रवाना हुईं

  1. जयपुर (राजस्थान) से पटना (बिहार)
  2. काेटा (राजस्थान) से हटिया (झारखंड)
  3. नासिक (महाराष्ट्र) से लखनऊ (उत्तरप्रदेश)
  4. नासिक (महाराष्ट्र) से भाेपाल (मध्य प्रदेश)
  5. लिंगम्पल्ली (तेलंगाना) से हटिया (झारखंड)
  6. अलुवा (केरल) से भुवनेश्वर (ओडिशा)