नई दिल्ली। लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म हो रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना के मौजूदा हालात की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के जरिए यह चर्चा करीब 3 घंटे चली। समय की कमी की वजह से सिर्फ नौ मुख्यमंत्री ही बात कर पाए।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि वे अपने राज्य में लॉकडाउन 3 मई के बाद भी जारी रखना चाहते हैं। हालांकि, ग्रीन जोन वाले इलाकों में कुछ छूट दी जाएगी। वहीं, ओडिशा और गोवा के सीएम ने भी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने की बात कही।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल नहीं हुए। उनकी तरफ से राज्य के मुख्य सचिव जुड़े। लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म होगा। इससे पहले अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार 20 और 25 अप्रैल को दो बार लॉकडाउन में छूट दे चुकी है। हालांकि, कहां-कहां दुकानें खोली जाएं और आर्थिक गतिविधियां शुरू की जाएं, इस पर फैसला राज्यों के ऊपर छोड़ा गया है।
भारत की स्थिति कई देशों से बेहतर
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश ने एक टीम की तरह काम किया है। केंद्र और राज्यों पर इन कोशिशों का असर साफ देखा जा सकता है। अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है। लॉकडाउन के नतीजे सकारात्मक रहे हैं। पिछले एक-डेढ़ महीने में हम सैकड़ों लोगों की जान बचा सके। हमें कोरोना से लड़ते हुए अर्थव्यवस्था को भी महत्व देना है।’’ वहीं, कुछ मुख्यमंत्रियों ने राज्यों के लिए विशेष पैकेज देने की बात कही।
20 मार्च को पहली बार मुख्यमंत्रियों से बातचीत की
देश में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद 20 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों से संक्रमण रोकने के उपायों पर चर्चा की थी। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को संक्रमण को काबू करने में लोगों और स्थानीय प्रशासन के बीच तालमेल बढ़ाने पर बल देने के लिए कहा था। इस बीच, राज्यों में ट्रेंड स्टाफ बढ़ाने और स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेनिंग देने के मुद्दे पर विचार किया गया था। इसके अलावा बैठक में बीमारी के इलाज के लिए राज्यों में उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की गई थी।