नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हाल में करीब 8 करोड़ ईपीएफ खाताधारकों को राहत देते हुए उनके जमा की एडवांस निकासी की सुविधा दी है। इसके बाद 15 दिनों के अंदर 10.02 लाख क्लेम के जरिए कुल 3,600.5 करोड़ रुपए ईपीएफओ द्वारा जारी किए जा चुके हैं।
ऐसे में अगर आप भी अपने पीएफ खाते से पैसा निकलने का प्लान बना रहे हैं तो यह जान लें कि ये पैसा आपके बुढ़ापे में काम आएगा। बहुत जरूरी न होने पर पीएफ निकलने से बचना चाहिए। इस पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इस समय जितनी बड़ी रकम ईपीएफ से निकाली जाएगी, रिटायरमेंट फंड पर उतना ही बड़ा असर पड़ेगा।
आप के फंड पर कितना असर पड़ेगा
अनुमानित कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर आपके रिटायरमेंट में 20 या 30 साल का समय बाकी है और अभी आप पीएफ अकाउंट से 1 लाख रुपए निकालते हैं तो इससे आपके रिटायरमेंट फंड पर 11.69 लाख रुपए का असर पड़ेगा। यहां जानें कितना पैसा निकालने पर आपने रिटायरमेंट फंड पर कितना असर पडेगा
कितने पैसे निकालने पर | 20 साल बाद कितना कम मिलेगा (रु) | 30 साल बाद कितना कम मिलेगा (रु) |
10 हजार | 41 हजार | 1 लाख 5 हजार |
20 हजार | 82 हजार | 2 लाख 10 हजार |
50 हजार | 2 लाख 5 हजार | 5 लाख 27 हजार |
नोट : ये टेबल एक मोटे अनुमान के हिसाब से दी गई है क्योंकि पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा हर 3 महीने में होती है। इसके अलावा यहां जो टेबल बताई गई है उसमें ब्याज की गणना सालाना हिसाब से की गई गई।
कितना कटता है पीएफ?
नियमों के मुताबिक, सैलरी पाने वाले लोगों को अपने वेतन और महंगाई भत्ते की 12 फीसदी रकम पीएफ खाते में योगदान करना अनिवार्य होता है। नियोक्ता भी कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में इतना ही योगदान देता है। इस रकम को रिटायरमेंट के बाद ही निकाला जाता है। हालांकि, रिटायरमेंट से पहले भी पीएफ निकल सकते हैं इसके लिए कुछ शर्तें रहती हैं। पीएफ अकाउंट में योगदान किए गए अंश पर कम्पाउंडिंग के आधार पर ब्याज मिलता है।
72 घंटों के अदंर प्रोसेस हो रहा क्लेम
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, भुगतान जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। ईपीएफओ ने इन क्लेम्स को बीते 10 दिन मे ही सेटल किया है। फिलहाल फुल केवाईसी वाले अकाउंट्स को 72 घंटों के लिए अंदर एप्लीकेशन को प्रोसेस करने का काम चल रहा है।
75 फीसदी निकासी की अनुमति
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने हाल में करीब 8 करोड़ ईपीएफ खाताधारकों को राहत देते हुए उनके जमा की एडवांस निकासी की सुविधा दी है। ईपीएफओ ने इसके लिए ईपीएफ स्कीम-1952 में बदलाव करते हुए यह कहा कि कर्मचारी अपने खाते में जमा रकम का 75 फीसदी या तीन महीने के वेतन के बराबर रकम निकाल सकते हैं। इस रकम का इस्तेमाल कर्मचारी अपनी जरूरतों के लिए कर सकते हैं और इसे फिर से जमा करने की जरूरत नहीं होगी।