-कोटा के व्यापारियों की आवाज बनी देश की आवाज
-ऑनलाइन बिक्री का सबसे पहले कोटा से हुआ विरोध
कोटा। लॉक डाउन तक ई-कॉमर्स कंपनियों (E-commerce companies) को ऑनलाइन गैर जरूरी वस्तुओं के कारोबार की अनुमति केंद्र सरकार ने रविवार को वापस ले ली है। इस मामले में कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन, महासचिव अशोक माहेश्वरी, उपाध्यक्ष और श्री सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल ‘विचित्र; ने उसी दिन प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट करके रोष व्यक्त करते हुए शीघ्र ही इस आदेश को वापस लेने का निवेदन किया था।
उसके बाद से ही पूरे देश से इस निर्णय के विरोध में आवाज़ उठने लगी। इस विरोध ने एक आंदोलन का रुप ले लिया। जिसके परिणामस्वरूप रविवार को केन्द्र सरकार ने उस निर्णय पर संशोधन किया और ‘केवल आवश्यक सामग्री के ऑनलाइन व्यापार’ को ही करने की छूट दी गई। इससे पहले केन्द्र सरकार ने 16 अप्रेल को एक आदेश जारी करके ई कॉमर्स कंपनियों को लॉकडाउन पीरियड में भी सभी वस्तुओं की ऑनलाइन व्यापार की परमीशन जारी कर दी थी। यह देशभर के लाखों छोटे बड़े व्यापारियों को नागवार गुजरा।
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‘विचित्र’ ने बताया कि यह भी इसलिए जरूरी है क्योंकि मेट्रो सिटी, बड़े शहरों में मल्टिप्लेक्स या दूर कॉलोनी में रहने वाले परिवारों को सामानों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। उन्हें शायद ऑनलाइन से कुछ राहत मिले। अब कम से कम ये कंपनियां अनावश्यक वस्तुओं को नहीं बेचेगी यही हम व्यापारियों के लिए राहत की बात है। ‘विचित्र’ ने फिर भी ग्राहकों को सावचेत किया है कि इस संक्रमण महामारी में सोच समझकर ही सामान मंगाएं क्योंकि डिलीवरी ब्वॉय से भी संक्रमण फैलने का मामला सामने आया है।
व्यापार महासंघ ने जताया प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री का आभार
कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कोरोनावायरस को रोकने के लिए लिए गए लोक डाउन के तहत ऑनलाइन व्यापार पर भी रोक लगाने पर देश के प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया है।
जैन व माहेश्वरी ने बताया कि व्यापारी लॉकडाउन की पूरी पालना कर रहे हैं और सरकार के हर आदेशों का पूरा पालन कर रहे हैं। पिछले 40 दिनों से पूरा व्यापार व्यापार बंद पड़ा है। करोडो -अरबों रुपये का नुकसान व्यापारी उठाकर सरकार का पूर्ण सहयोग कर रहा है। अगर ईं-कामर्स कंपनियां ऑनलाइन बिक्री करती हैं तो छोटे-बड़े सभी व्यापारी बर्बाद हो जायेगें।
माहेश्वरी ने बताया कि कोटा व्यापार महासंघ द्वारा प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को ट्वीट करके इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई थी। देश के करोड़ों व्यापारी जब सरकार के नियमों का पालन कर रहे हैं और आमजन को राहत पहुंचा रहे हैं तो सरकार को व्यापारियों के हितों के बारे में भी सोचना होगा।