नई दिल्ली। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते अप्रैल में पेट्रोल और डीजल की मांग 66 प्रतिशत और विमानन ईंधन यानी एटीएपफ की खपत 90 प्रतिशत से अधिक गिर गई है। एक अधिकारी का कहना था कि देशभर में लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक इकाइयां बंद हैं और हवाई परिचालन ठप है। पिछले अप्रैल में भारत ने 24 लाख टन पेट्रोल और 73 लाख टन डीजल की खपत की थी। उस अवधि के दौरान एटीएपफ की खपत 6.45 लाख टन रही थी।
इसके बावजूद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 69.59 रुपए प्रति लीटर है। वहीं डीजल के दाम 62.29 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हो रहा है। पेट्रोल-डीजल और एटीएफ की खपत में कमी की शुरुआत मार्च में ही हो गई थी, जब उस महीने पिछले एक दशक की सबसे कम खपत रिकॉर्ड की गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष मार्च में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 17.79 प्रतिशत गिरकर 1.60 करोड़ टन रह गई।
पिछले महीने डीजल की खपत सबसे ज्यादा 24.23 प्रतिशत गिरकर 56.5 लाख टन रह गई। इसकी मुख्य वजह यह थी कि महीने के दूसरे पखवाड़े में लगभग सभी ट्रकों की आवाजाही बंद हो गई और रेलवे का परिचालन भी बंद हुआ। हालांकि इसी अवधि में एलपीजी की खपत 1.9 प्रतिशत बढ़कर 23 लाख टन पर पहुंच गई।
जहां तक पूरे वित्त वर्ष का सवाल है, तो इस वर्ष मार्च में खत्म वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 21.36 करोड़ टन रही। यह आंकड़ा उससे पिछले वित्त वर्ष की 21.32 करोड़ टन खपत के करीब आसपास ही है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत बढ़कर 2.63 करोड़ टन पर पहुंच गई। इसी अवधि में एटीएफ की खपत 3.8 प्रतिशत गिरकर 80 लाख टन रह गई।