नई दिल्ली। देशभर में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। अब कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 4,405 हो गई है। इस संक्रमण का असर देश के किसानों और फसलों पर भी हो रहा है। इस वक्त ज्यादातर हिस्सों में फसल पककर तैयार हो चुकी है और कटने को तैयार है। नए सरकारी आंकड़े के मुताबिक देश में रिकॉर्ड 106.21 मिलियन टन गेहूं कटाई के लिए तैयार है।
हालांकि, संक्रमण के डर और लॉकडाउन के चलते किसान अपनी फसल नहीं काट सकते। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2019 में कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन से अर्थव्यवस्था में 18.55 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई थी।
लॉकडाउन बना किसानों की मुसीबत
- किसानों की फसल पककर तैयार है, लेकिन 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे।
- फसल बर्बाद होने से बचाने के लिए किसान खुद ही फसल काटने और ढुलाई करने की कोशिश कर रहे हैं।
- फसल कटाई के बाद इसका भंडारण कराना और बेचना भी एक समस्या बन जाएगी।
- किसानों को फसल मंडी तक ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट भी नहीं मिल रहा है।
- ऐसे में किसान फसल को सीधे खेत से बेचने के विकल्प ढूंढ रहे हैं, ताकि उनके पास कुछ पैसा आ सके।
- ऐसे में कई किसान सरकार से इस बात की मांग कर रहे हैं कि एक ऐसी प्लानिंग की जाए जिससे आगे की फसल को बर्बाद होने से बच जाए। साथ ही, खाद्य समाग्री की कीमतों में उछाल भी नहीं आए।
इस बारे में हमने सॉल्व के फाउंडर और सीईओ नितिन मित्तल से बात की। सॉल्व ऐसा प्लेटफॉर्म है जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से जुड़ी संस्थाओं को साथ लेकर आते हैं। ताकि वे एक-दूसरे जान पाएं और आपस में खरीद-फरोख्त कर पाएं। जैसे, साउथ वाले को नॉर्थ के व्यापारी से कुछ खरीदना है तब वे इस काम को आसानी से कर पाएं।
क्योंकि इनके बीच में आसानी से विश्वास पैदा नहीं होता। तो हमारी कोशिश इन्हें मिलाने और इनमें एक-दूसरे के प्रति विश्वास दिलाने की होती है। हम प्लेटफॉर्म से जुड़े व्यापारियों को कर्ज दिलाने में भी मदद करते हैं।
सॉल्व के फील्ड एजेंट्स ऐप की मदद से उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात समेत देश के कई राज्यों में जाकर डेटा इकठ्ठा करते हैं। वे फील्ड में होने वाले लेन देन को रिकॉर्ड करते हैं। साथ ही तय सवालों के आधार पर वे डेटा जुटाते हैं।
14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन हटने की उम्मीद
नितिन ने बताया कि किसानों के पास 14 अप्रैल तक कोई रास्ता नहीं है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इसके बाद देश के ज्यादातर शहरों और राज्यों से लॉकडाउन हटा दिया जाएगा। उत्तर भारत, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत कई अन्य राज्यों के किसानों का यही मानना है कि 14 के बाद लॉकडाउन की स्थिति नहीं रहेगी।
हालांकि, जिन जगहों पर कोरोनावायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा है वहां पर लॉकडाउन की स्थिति बनी रहेगी। कोरोनावायरस 21 दिन के लॉकडाउन में खत्म नहीं होगा। इसका 5 से 6 महीने का लंबा फेज हो सकता है। 21 दिन के लॉकडाउन में तो चीजों को संभालने की प्लानिंग हुई है।