RBI ने 1 अप्रैल से 10 सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दी

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve bank of India) ने शनिवार को पहली अप्रैल से 10 सरकारी बैंकों के विलय (bank Merger) को मंजूरी दे दी। इसके तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा। सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में किया जाएगा। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में किया जाएगा। और इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया जाएगा।

पहली अप्रैल से विलय प्रभावी
आरबीआई (RBI) ने चार अलग-अलग बयानों में कहा कि विलय पहली अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की सभी शाखाएं पहली अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी। सिंडिकेट बैंक की शाखाएं केनरा बैंक की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक की शाखाएं युनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी। इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी।

विलय के बाद बड़े आकार के 7 सरकारी बैंक होंगे
विलय के बाद देश में सात बड़े आकार के सरकारी बैंक और छोटे आकार के सरकारीर बैंक होंगे। वर्ष 2017 में 27 सरकारी बैंक थे। विलय के बाद बनने वाले सात बड़े सरकारी बैंकों में से सभी राष्ट्रीय स्तर के बैंक होंगे। विलय के बाद बनने वाले नए बैंकों में से हर एक का कारोबार 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा।

पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा
विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा। इसका कारोबार 17.94 लाख करोड़ रुपए का होगा। एसबीआई का कारोबार अभी 52 लाख करोड़ रुपए का है। बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक हो जाएगा। इसके बाद क्रमश: केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक का स्थान होगा। देश के अन्य सरकारी बैंकों में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिध बैंक शामिल हैं।