पीएम मोदी बोले हारेगा कोरोना, भारत ने सार्क को दिए 1 करोड़ डॉलर

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शनिवार शाम को साउथ एशियन असोसिएशन फॉर रिजनल को-ऑपरेशन (SAARC) देशों के प्रमुख विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक दूसरे से मुखातिब हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने कोविड-19 इमर्जेंसी फंड बनाने का सुझाव दिया और भारत की तरफ से इसके लिए 1 करोड़ डॉलर देने का ऐलान किया।

भारत द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। सार्क नेताओं ने पीएम मोदी को इस पहल के लिए शुक्रिया कहा और साथ मिलकर इस चुनौती से निपटने पर हामी भरी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया की 20 फीसदी आबादी वाले सार्क देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले कम हैं लेकिन सभी देशों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें साथ मिलकर इस चुनौती से लड़ना और जीतना होगा।

हमें साथ मिलकर लड़ना और जीतना होगा: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 को हाल ही में डब्लूएचओ ने महामारी घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘सार्क देशों में कम संक्रमण है, करीब 150 केस ही हैं। सार्क देशों में दुनिया की 1/5 आबादी है। हमारे लोगों से लोगों के बीच संपर्क काफी शानदार है और एक दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। इसलिए हमें साथ मिलकर तैयारी करनी चाहिए, साथ मिलकर काम करना चाहिए और हम सभी को साथ मिलकर सफल होना चाहिए। हम इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।’

पीएम मोदी ने भारत द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया
सार्क देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘तैयार रहें लेकिन घबराएं नहीं’ यह हमारा मंत्र है। लेकिन समस्या को कमतर मत आंकिए। उन्होंने कहा, ‘हमने एहतियाती कदम उठाने की कोशिश की है जिसमें ग्रेडेड रिस्पॉन्स मकैनिजम भी शामिल है।

हमने मध्य जनवरी से ही भारत में आने वाले लोगों की स्कीनिंग शुरू कर दी थी। इसके साथ ही हम धीरे-धीरे यात्रा पर भी पाबंदियां लगा रहे हैं। हम टीवी, प्रिंट और सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। जोखिम वाले समूहों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। हम अपने सिस्टम की क्षमता बढ़ा रहे हैं जिसमें मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग भी शामिल है। 2 महीने में पहले हमारे पास जांच के लिए एक लैब थी, जो अब 60 हो गई हैं।’

भारत ने अपने 1400 नागरिकों को एयरलिफ्ट किया: पीएम मोदी
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने दुनिया भर में फंसे करीब 1400 भारतीयों और पड़ोसी देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा, ‘हमने विदेश में फंसे अपने लोगों को भी बचाया। हमने करीब 1400 भारतीयों को अलग-अलग देशों से एयरलिफ्ट किया। इसके अलावा हमने पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला। इसके लिए हमने अपनी मोबाइल टीम को संबंधित देशों में तैनात किया। हम अब भी ऐसी स्थिति में हैं जहां नहीं पता कि आगे क्या होगा। हम सभी एक तरह की चुनौती का सामना कर रहे हैं।’

किस देश से कौन हुआ शामिल
विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग और पाकिस्तान की तरफ से वहां के स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा शामिल हुए।

आइसोलेशन वॉर्ड्स में भेजे गए ईरान से आए भारतीय
ईरान से सुरक्षित निकाले जाने के बाद 236 भारतीय नागरिकों (100 पुरुष, 136 महिलाएं) को इंडियन आर्मी की ओर से जैसलमेर में स्थापित आइसोलेशन वॉर्ड्स में भेज दिया गया है। सेना का स्वास्थ्य केंद्र नागरिक प्रशासन, एयरपोर्ट अधिकारियों और वायुसेना के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि ईरान से निकाले गए नागरिकों की उचित देखभाल की जाए। ईरान से निकाले गए भारतीयों का यह तीसरा जत्था है। 44 भारतीय श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था शुक्रवार को ईरान से यहां पहुंचा था। ईरान से 58 भारतीय श्रद्धालुओं का पहला जत्था मंगलवार को लौटा था।

इन सभी भारतीय नागरिकों की आवश्यकता के मुताबिक, इंडियन आर्मी के आइसोलेशन वॉर्ड्स में जरूरी इंतजाम भी किए गए हैं। इन सबके इतर यह गौर करना जरूरी है कि ईरान कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है और भारत सरकार वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने की योजनाओं पर काम कर रही है।

ईरान से सुरक्षित निकाले जाने के बाद ये सभी 236 भारतीय वापस वतन (भारत) पहुंचे। इसके बाद इन्हें 14 दिनों के लिए आइसोलेशन वॉर्ड्स में भेज दिया गया। इन सभी पर डॉक्टर खास नजर रख रहे हैं।

देश में कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 101 पहुंच गई है। हालांकि, सरकार ने संक्रमित लोगों की संख्या 93 बताई है। इनमें से दो की मौत हो चुकी है और 10 मरीज ठीक हो चुके हैं।