नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज AGR मामले में अपना फैसला सुनाते हुए टेलीकॉम कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल और वोडाफोन जैसी कंपनियों को 14 फरवरी, शुक्रवार आधी रात तक पूरा बकाया चुकाने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दूरसंचार विभाग की भी खिंचाई की है। बकाया राशि होल्ड पर रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को लताड़ लगाई। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों और दूरसंचार विभाग को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऑर्डर में 14 फरवरी शुक्रवार के रात 11.59 से पहले बकाया रकम चुकाने को कहा है। भारती एयरटेल पर 35,586 करोड़ रुपए का बकाया है। वहीं वोडाफोन को 50,000 करोड़ रुपए 23 जनवरी से पहले चुकाना है।
कंपनियों की ओर से की गई लापरवाही पर केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने गुस्से में कहा कि अगर कोर्ट के आदेश की अवमानना एक डेस्क ऑफिसर तक कर रहा है तो सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दीजिए। कोर्ट ने अपने आदेशों की अवमानना पर हैरानी जताते हुए कहा- आखिर क्या हो रहा है देश में? कोर्ट के आदेशों का पालन क्यों नहीं हो रहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 1.33 लाख करोड़ रुपए का बकाया चुकाने के लिए उनको 23 जनवरी तक का वक्त दिया था, जो कब का गुजर चुका है। इसके पहले ऑपरेटर्स की ओर से अक्टूबर के फैसले के खिलाफ एक याचिका डाली गई थी, जिसमें कोर्ट से आग्रह किया गया था कि वो अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
उन्हें किसी भी तरह की राहत दे लेकिन कोर्ट ने 17 जनवरी को उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज करके अपना अक्टूबर का फैसला बरकरार रखा था। अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि टेलीकॉम कंपनियां सरकार को AGR देगी।