2011 में सरकार ने वैट को रॉयल्टी में मिला दिया था इस पर 95 रुपए प्रति टन पर रॉयल्टी लग रही थी।
कोटा। सरकार ने जीएसटी तो लगा दिया लेकिन, वैट नहीं हटाया। रॉयल्टी के नाम पर 60 रुपए ज्यादा लिए जा रहे हैं।
इसी मामले को लेकर सोमवार को एसजीएसटी उपायुक्त ने सैंड स्टोन व्यवसायी और क्रेशर वालों की एक मीटिंग बुलाई।जिसमें सैंड स्टोन पर लग रही रॉयल्टी को लेकर वित्त विभाग ने सेल्स टैक्स विभाग के उपायुक्त से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
सैंड स्टोन विकास समिति के अध्यक्ष उत्तम अग्रवाल ने बताया कि सेंड स्टोन पर जीएसटी लगने से काफी नुकसान हो रहा था। इसके चलते प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सीएम से मिले थे। मीटिंग में सैंड स्टोन के व्यापारियों ने उपायुक्त को रॉयल्टी और जीएसटी से व्यापार में पड़ रहे प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया।
अग्रवाल ने बताया कि 2011 में सरकार ने वैट को रॉयल्टी में मिला दिया था। इस पर 95 रुपए प्रति टन पर रॉयल्टी लग रही थी। सरकार ने जीएसटी तो लगा दिया लेकिन, वैट नहीं हटाया। माइनिंग विभाग ने रॉयल्टी की पूरी जानकारी दी है। उन्हें यह भी बताया कि अभी एक गाड़ी पर 2000 रुपए जीएसटी का खर्च आएगा।
इसमें से वैट हटा देंगे तब भी 1300 रुपए जीएसटी के नाम पर सरकार को मिलेंगे। एमपी के भी बिल विभाग को दिए गए हैं। जुलाई का रिकॉर्ड देख तो पता चला कि अभी तक 100 गाडिय़ां निकल जानी चाहिए थीं, लेकिन निकली केवल 30 है। वहीं एसीटीओ शर्मा ने बताया कि कमिश्नर आलोक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग की। इसमें निर्देश दिए कि वे ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों का माइग्रेशन करें।
प्रतिनिधिमंडल में सूरजमल बंसल, बंशीधर राठौर, अनिल जैन, शाहिद, दीनदयाल डागा मौजूद थे। एसीटीओ अनुपम शर्मा ने बताया कि उपायुक्त अपनी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजेंगे। प्रशासन की ओर से माइनिंग विभाग, सेल्स टैक्स विभाग के उपायुक्त एनके गुप्ता, सीटीओ शिवेंद्र सक्सेना, एसीटीओ अनुपम शर्मा थे।
निर्यात पर असर नहीं
हाड़ौती में निकलने वाला सेंड स्टोन यहाँ से विदेशों में एक्सपोर्ट होता है। हालाँकि जीएसटी से इसके निर्यात पर असर नहीं पड़ेगा। फिर भी इसके कारण भवन निर्माण की लागत बढ़ जाएगी। जीएसटी से सेंड स्टोन पर पड़ने वाले असर को लेकर LEN-DEN NEWS चैनल ने सेंड स्टोन एक्सपोर्टर एवं सिविल इंजीनियर महेंद्र चौधरी से की बातचीत की। आइये विस्तार से जानने के लिए वीडियो देखें––