राजस्थान / हर बड़े अस्पताल में बनेंगे मॉडल मातृ और शिशु विंग

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जयपुर। कोटा, जोधपुर, बीकानेर में शिशु मौतों के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और एसीएस रोहित कुमार सिंह ने मंगलवार को प्रदेश के हैल्थ ऑफिसर्स के साथ मैराथन बैठक की। इसमें तय हुआ कि राजनीति या आरोप-प्रत्यारोप, अफसरों के आपसी टकराव-मनमुटाव से शिशु और मातृ मृत्युदर नहीं रुकेगी। अफसरों के आइडिया पर निर्णय किया गया कि जिला और बड़े सभी अस्पतालों में मॉडल मातृ-शिशु विंग (एमसीएच) बनाई जाएगी।

एक ही इंचार्ज के अधीन लैबर रूम, एसएनसीयू और मदर मिल्क बैंक रखे जाएंगे। इनका अलग ही बजट होगा। इनके संचालन, सुधार, खर्च का पूरा जिम्मा चाइल्ड केयर यूनिट के प्रभारी को देंगे। पीएमओ जैसे अफसरों की बीच में दखल खत्म होगी। 50 हजार रुपए तक की लोकल जरूरत को यूनिट प्रभारी सीधे बाजार से खरीद सकेंगे। शिशु यूनिट इंचार्ज के पावर अगले सप्ताह तक बढ़ा दिए जाएंगे।

एसीएस सिंह ने जब बताया कि हर अस्पताल की रिलीफ सोसायटी आरएमआरएस को पांच-पांच लाख रुपए दे रखे हैं, सभी अस्पतालों के पास आरएमआरएस का ही कुल 400 से 500 करोड़ रुपए पड़ा है, जो खर्च ही नहीं किया। यह सुन मंत्री ने सभी अफसरों को खरी-खरी सुनाई।

उन्होंने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है, अफसरों ने आपसी टकराव और नियम से डर कर कोई जरूरी चीज नहीं खरीदी और बच्चों या माता की मौत हो गई तो सख्त कार्रवाई होगी। किसी भी अस्पताल में सिलेंडर से ऑक्सीजन सप्लाई अब नहीं होगी। एसएमएस मेडिकल काॅलेज में हुई बैठक में प्रदेश भर से मेडिकल काॅलेज प्राचार्य, अधीक्षक, संयुक्त निदेशक, पीएमओ और यूनिट हैड शामिल हुए।