नई दिल्ली। भारत स्टेज 6 (बीएस) के स्तर के हिसाब से ईंधन बनाने में आने वाले खर्च की वसूली के लिए सरकार पेट्रोल-डीजल पर प्रीमियम टैक्स लगा सकती है। इससे पेट्रोल 80 पैसे तो डीजल 1.50 रुपए प्रति लीटर महंगा होने के आसार हैं। सरकार ऐसा प्रस्ताव तैयार कर रही है। दरअसल तेल रिफाइनरियों को बीएस 6 फ्यूल में अपग्रेड करने में तेल वितरण कंपनियां काफी मात्रा में निवेश कर रही हैं। इस निवेश की भरपाई के लिए प्रीमियम टैक्स लाने पर विचार हो रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी और प्राइवेट तेल वितरण कंपनियों ने पेट्रोलियम मंत्रालय को बीएस-6 अपग्रेडेशन में किए गए निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ाए जाने की अपील की है। इसमें प्रीमियम टैक्स की बात कही गई है। ग्राहकों से यह नया टैक्स पांच साल तक वसूला जाएगा। यदि प्रस्ताव मंजूर हुआ तो इसका असर वैश्विक स्तर पर नहीं पड़ेगा, लेकिन घरेलू स्तर पर इन दोनों ईंधन की कीमतें अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएंगी।
रिफाइनरीज अपग्रेडेशन पर 80 हजार करोड़ खर्च
प्राइवेट सेक्टर की रिफाइनरी के एक सीनियर एक्जीक्यूटिव ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया है कि रिफाइनरीज को अपग्रेडेशन में हुए निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत में बढ़ोतरी करना एक विकल्प है। आंकड़ों के अनुसार 2017 से अब तक बीएस-6 अपग्रेडेशन पर सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोल और भारत पेट्रोलियम करीब 80 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी हैं।
कंपनियों के सामने रिकवरी का चैलेंज
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि तेल की मांग में स्थिरता रहती है और एक बड़ा भाग ईवी की ओर शिफ्ट हो जाता है तो विशेष प्लान के बिना तेल कंपनियों की ओर से किए निवेश की रिकवरी नहीं हो पाएगी। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह 2030 तक ज्यादा से ज्यादा ईवी को बढ़ावा देना चाहती है।
रिलायंस पेट्रोल पंप से सरकारी फर्मों की मुश्किल
मॉर्गन स्टेनली की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) द्वारा मिलकर पेट्रोल पंप लगाने की योजना से देश में सरकारी तेल कंपनियों की रिटेल फ्यूल बाजार हिस्सेदारी पर असर पड़ेगा। रिलायंस और बीपी के समझौते से रिलायंस के मौजूदा 1400 पेट्रोल पंपों की संख्या बढ़कर 5500 हो जाएगी।