जयपुर। राजस्थान में नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अब सिंगल विंडों के बजाए ‘वन स्टाॅप शाॅप’ सिस्टम होगा। अब एक ही छत के नीचे सभी विभागों के अधिकारी होंगे, ताकि उद्योगपतियों को नए उद्योग लगाने की एनओसी के लिए दफ्तर-दफ्तर चक्कर नहीं लगाने पड़े।
इसके लिए सिंगल विंडो एक्ट -2011 में संशोधन कर प्रभावी बनाया जाएगा। इसके साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। उद्योग का रजिस्ट्रेशन अब ऑनलाइन बमुश्किल दो से तीन मिनट में हो जाएगा। अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बने ‘बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट’ प्रदेश में निवेश को बढावा देने के लिए नए उद्योग को प्रोत्साहन करने की प्लानिंग कर रहा है।
सीएम अशोक गहलोत ने ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन के अधिकारियों को इस सिस्टम को दिसंबर में ही शुरु करने को कहा है। बीआईपी कमिश्नर मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि ‘वन स्टाॅप शाॅप’ सिस्टम में एक ही दफ्तर में सभी विभागों के नोडल अफसर रहेंगे। ताकि विभाग से नियत समय में एनओसी नहीं मिलने पर वन स्टाॅप शाॅप से ही नए उद्योग के लिए सभी एनओसी जारी हो जाएगी।
प्रदेश में अभी नया उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को रेवन्यू, ऊर्जा, जलदाय, श्रम, फैक्ट्री एवं बायलर, पर्यावरण, बीआईपी सहित 17-18 विभागों से एनओसी लेने के लिए अलग अलग जगहों पर जाना पड़ता है। लेकिन कई विभाग आवेदन की फाइल को अटका कर बैठ जाते है। ऐसे में बैंक से लोन लेकर शुरु हुए उद्योग में प्रोडक्शन शुरू नहीं हो पाता है तथा नुकसान उठाना पड़ता है।
कई बार विभागों से एनओसी में देरी के कारण उद्योगपति प्रदेश से निवेश दूसरे राज्यों में ले जाता है। इसको देखते हुए उद्योग विभाग के नए सिस्टम को प्रभावी होने के बाद एक ही छत के नीचे सभी विभाग एनओसी जारी करेंगे। उद्योगपतियों को विभागों के दफ्तरों में चक्कर नहीं लगाने पड़़ेंगे। इसके लिए नोडल अधिकारी लगाए जाएंगे।