जोधपुर। जल्द ही ऐसी तकनीक आएगी जिसमें पोस्टमार्टम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शव का स्कैनर में स्कैन करने से तुरंत इंजरी की जानकारी मिल जाएगी। रोबोट हमारे यहां आ चुका है, लेकिन वह अभी बहुत बड़ा है जल्द ही छोटे रोबोट सर्जरी के लिए आएंगे। ये बात एसीराज-2019 के चेयरपर्सन और एम्स सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक पुराणिक ने रविवार को एम्स में आयोजित तीन दिवसीय एसीराज-2019 कॉन्फ्रेंस के 9वें सेशन में सर्जरी के फ्यूचर विषय पर संबोधन देते हुए कही।
उन्होंने बताया कि भविष्य में सर्जन को डिजिटली स्मार्ट बनाना होगा, क्योंकि आने वाला युग डिजिटल गैजेट का है। सर्जरी भी डिजिटल, सेफ और पेन लैस होती जा रही है। आने वाले समय में सर्जन को डाटा एनालिसिस, बायो इंजीनियर के रूप में भी सोचना पड़ेगा।
रोबोट भी छोटे होंगे और नैनो टेक्नोलॉजी, जीनोमिक आदि कई टेक्नोलॉजी आ जाएगी। इन माॅडर्न तकनीक में मरीज के लिए सर्जरी कम घातक, सेफ और पेनलैस हो सकेंगी। रोबोट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस समाहित हो जाएगा, जिससे सर्जरी में हाेने वाली गलतियां भी कम हाेंगी।
रेडियोलॉजी इमेजेज में भी थ्रीडी इमेजेज और बायो प्रिंटर्स की मदद से मरीज की शारीरिक संरचना, डीप देखी जा सकेगी। इन नई तकनीकों को बीमारियों की रोकथाम के लिए काम में लिया जा सकेगा। सेफ्टी 60-80 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
काॅन्फ्रेंस में डाॅ. अनुराग श्रीवास्तव ने ब्रेस्ट कैंसर को शुरुआती स्टेज में डायग्नोस करने व उसका फैलाव कहां तक हुआ है, इसके लिए सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी के बारे में बताया। डॉ. नवनीत कौर ने ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी के बाद ब्रेस्ट की विभिन्न प्रकार की रिकंस्ट्रक्शन की विधियां बताईं।
इस सेशन में चेयरपर्सन डॉ. एसएस राठौड़, डॉ. दिनेश दत्त शर्मा व डॉ. चिंतामणी रहे। आयोजन सचिव डॉ. रामकरण चौधरी ने बताया कि तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में राजस्थान समेत दिल्ली, कोलकाता और कई राज्यों के निजी और सरकारी अस्पतालों में कार्यरत सर्जन ने भाग लिया।