नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की 15वीं आम समीक्षा बैठक में भारत का कोटा नहीं बढ़ाया गया। इस मामले में भारत को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला, जिसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निराशा जाहिर की और इसे भारत के लिए तात्कालिक झटका करार दिया। हालांकि भारत को अभी उम्मीद है कि अगले दौर की समीक्षा बैठक में कोटा बढ़ाया जा सकता है।
आईएमएफ कोटे की हर 5 साल बाद में समीक्षा की जाती है। कोटा एक विशेष तरीके से तय किया जाता हैं, जिसमें संबंधित देश की जीडीपी, आर्थिक स्वतंत्रता, आर्थिक विविधता और अंतरराष्ट्रीय भंडार को आधार बनाया जाता है।
आईएमएफ के सदस्य देश को कोटा मिलने से उसकी वोटिंग पावर और वित्तीय समर्थन की उम्मीद बढ़ जाती है। मौजूदा वक्त में भारत के पास आईएमएफ में 2.67 फीसदी कोटा है। आईएमएफ में सबसे ज्यादा 17.46 फीसदी कोटा अमेरिका के पास है, जबकि चीन का कोटा 6.41 फीसदी है।
ट्रेड पर US के साथ जल्द समझौता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक समझौते के जल्द पूरे होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच समझौते को लेकर पूरी रफ्तार से बातचीत चल रही है। जल्द ही दोनों देश के बीच समझौता हो जाएगा।