जयपुर। राजस्थान में उच्च शिक्षा हासिल करने में लड़कियां लड़कों से आगे निकल गई है। दाे सालों की बात करें ताे लड़कियों ने पासा पलट दिया है। कॉलेजों में एडमिशन हाेने के बाद छात्राओं की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी सामने आई है। इस साल राज्य के सरकारी कॉलेजों में स्नातक व स्नातकोत्तर में पढऩे वाली छात्राओं की संख्या छात्रों से 13,970 ज्यादा हाे गई है।
वहीं 2017 में स्थिति उल्टी थी, तब छात्रों का आंकड़ा छात्राओं से 9,537 ज्यादा था। इस साल एमए, एमएससी, एमकॉम सहित स्नातकोत्तर काेर्स करने वाली छात्राओं की संख्या छात्रों से 15,659 ज्यादा हुई है। हालांकि, लड़कियों की संख्या बढ़ना पिछले साल ही शुरू हो गया था, छात्रों से करीब 6 हजार लड़कियां ज्यादा थी। अबकी बार तो बेटियों ने जैसे छलांग लगाई और लड़कों से काफी आगे निकल गई।
यूजी में 1.51 लाख, पीजी में हुए 24 हजार से ज्यादा एडमिशन
इस साल हुए प्रदेश में 289 सरकारी काॅलेज हैं जिनमें इस साल स्नातक में ,आर्ट्स साइंस और कॉमर्स में मिलाकर 1,51,911 एडमिशन हुए हैं। वहीं स्नातकोत्तर की बात करें ताे 24,752 छात्र- छात्राओं ने एडमिशन लिये हैं। वहीं यूजी, पीजी के करीब 1650 सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में इस साल 12 लाख के करीब एडमिशन हुए हैं।
काॅलेज आयुक्तालय का कहना है इस साल प्राइवेट कॉलेजों में हुए एडमिशन का डाटा जुटाया जा रहा है। जिसमें भी छात्राओं की संख्या में निश्चित बढ़ोतरी हाेगी। सरकार ने इसी सेशन से 37 नए राजकीय काॅलेज खाेले हैं, उनमें से 12 काॅलेज सिर्फ छात्राओं के लिए हैं। किशनपोल गर्ल्स काॅलेज सहित जयपुर संभाग के 6 काॅलेज शामिल हैं। पिछले सालों में जहां छात्राएं आर्ट्स में ज्यादा हाेती थी। वहीं इस साल के आंकड़ों काे देखें ताे पीजी में ताे साइंस और कॉमर्स में भी छात्राएं ही ज्यादा हैं।
नए कॉलेजों से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं
सरकारी कॉलेजों में प्रतियाेगिता दक्षता, रेगुलर कक्षाओं और क्वालिटी एजुकेशन के लिए किये गए अन्य प्रयासाें से स्टूडेंट्स की संख्या ताे बढी ही है। लडकियाें की संख्या में भी काफी बढाेतरी हुई है। नए काॅलेजाें से भी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि छात्राएं आगे बढ़े और उन्हें पूरे अवर दिए जाएं।
-प्रदीप कुमार बाेरड़, आयुक्त काॅलेज शिक्षा